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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org एलबुं एल (ऍल) अ० क्रि० पानी छूटना ( हाथ, नमक आदिमेंसे) एवडं वि० उतना (२) उतना अधिक एवामां (ए) अ० इतनेमें एवं (ए) वि० वैसा; उस तरहका (२) उसके जैसा एवे (ए') अ० उस समय एश (ऍ) स्त्री० ऐश; सुख-चैन एशआराम (ऍ) पुं० ऐशोआराम; भोग-विलास एसर (ऍ) अ० क्रि० द्रवना; पानी छूटना (२) कम होना; घटना ( ३ ) विकार उत्पन्न होना; औसना एळियो पुं० एलुवा; मुसब्बर एळे (०वेळे) (ऍ; वॅ) अ० वृथा; बेकार स्त्री० देवनागरी वर्णमालाका ग्यारहवां वर्ण - एक स्वर ओ पुं० देवनागरी वर्णमालाका बारहवाँ अक्षर - एक स्वर ओइयां (ओ) अ० डकार लेते समय - होनेवाला संतोषजनक उद्गार (२) न० डकार या उसकी आवाज (३) डकार जाना; हजम कर लेना ओक (ऑ) स० क्रि० ओकना; के करना; उबकना (२) हजम किया हुआ माल वापस करना; उगलना [ला. ] ( ३ ) कह डालना; जाहिर करना ६० ऐ ओ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir care (२) बिना मेहनतके; मुफ़्त में । [ -जं = व्यर्थ या बेकार जाना. ] एंजिन (ऍ) न० इंजन; एंजिन एंजिनियर (ऍ) पुं० इंजीनियर एंट (ऍ०) स्त्री० ऐंठ; हठ; जिद ( २ ) इतबार ( लेन-देन संबंधी ) ; साख (३) टेक; प्रतिज्ञा एंटबुं (ऍ० ) अ० क्रि० ऐंठना; अकड़ना (२) ज़िद करना एंठ (०वाड), (-) (ऍ०) देखिये 'एठ' आदि एंव (ऍ०) न० ब० व० इंधन एंघाण (ऍ०) न०, ( -णी) स्त्री० देखिये 'घाण ' . एंशी, (सी) (ऍ०) वि० अस्सी; ८० ऐड वि० आड़ा; जिद्दी; ऐंडा ऐडजंतर वि० पूरा आड़ा; ऍड़ा-बेंड़ा ओकारी (ऑ) स्त्री० उबकाई; उलटी ओकraj (ऑ) स० क्रि० 'ओकबुं 'की प्रेरणार्थक क्रिया ओक्टोबर पुं० अक्तूबर ऑक्सिजन पुं० आक्सिजन ओखर (ऑ) न० मैला; गंदगी । [ - करवुं = (गाय, भैंस आदि चौपायोंका ) विष्टा खाना. ] ओखात (द) (ऑ) स्त्री० ताक़त; बूता ( २ ) औकात ; हैसियत बिसात For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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