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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मरणशिंग करना;रीस करना (३)नखरे करना; मटकना [मरोड़फली मराशि (-शी,-सि,-सी,)ग स्त्री० मररियो पुं० एक प्रकारका रोड़ा जिसे जलाकर चूना बनाते हैं; कंकड़; मरगे पुं० मरोड़ा; पेचिश; आमातिसार मरण न० मरण; मौत; मृत्यु (२) नाश; तबाही । [-बगडq=मरणोन्मुख व्यक्तिको सुख न मिलना; दुःखी होकर मरना(२) उत्तरक्रिया ढंगसे न होना.] मरणतोल वि० मर जाय ऐसा या उतना (मार) मरणपचारी स्त्री० मृत्युशय्या [जिया मरणियुं वि० जानपर खेलनेवाला;मर. मर, न० मरण; मरन; मौत मरतबो पुं० मरतबा; दरजा; रुतबा मरद पुं० मरद; पुरुष; मर्द (२)वीर पुरुष; मर्द (३)वि० बहादुर; वीर; मर्द मरवाई, मरदानगी स्त्री० मर्दानगी; पुरुषत्व (२) बहादुरी; मर्दानगी मरवाना(-नी) वि० मरदाना; मर्दाना; पुरुष-संबंधी; मर्दोका (२)पुरुषोचित; मर्दाना मर अ० क्रि० मरना; नष्ट होना; मरण होना (२)तबाह होना; घाटा सहना; डूबना; वसूल न होना; मरना (सया; पावना) (३) (धातु आदिकी) भस्म, कुश्ता हो जाना; मरना (४) भीतर जाना; सोखना;पचना; किसी चीज़में मिल जाना; मरना (५)टलना; दूर हटना (तुच्छकारमें) (६) पिटना; मारा जाना; मरना; उदा. 'सोगटी मरी गई। [मरता जीवता = (भविष्यमें) किसी भी दिन । मरवा ?=क्यों;अकारण;खाली; उदा. 'त्यां मरवा गयो हतो?' | मरी जq= मरना; दब जाना; नष्ट हो जाना (भूख, प्यास, पाखानेकी हाजत आदि) (२) मुरझाना; सूखना (३) पिटना;मारा जाना (गोट; मोहरा)। मरी पडq=जान तोड़कर कोशिश करना; मर मिटना; मर पचना(२) बलि, निछावर जाना; मोहित होना; मरना (किसी पर)। मरी परवार = (सबका) मर जाना; तबाह हो जाना; मर मिटना। मरी फीटq= देखिये 'मरी पडवू'। मरी मथीने =मरपिटकर; मरते-जीते;ज्यों-त्यों करके.] मरवो पुं० अॅबिया; टिकोरा; अंबी मरसियो पुं० मरसिया;स्यापा (कहना) मरहूम वि० मरहूम; स्वर्गस्थ मरामत स्त्री० मरम्मत; दुरुस्ती मरियुं न० गोल मिर्च; मिर्च (२)मिर्चसा तीखा-क्रोधी मनुष्य [ला.] मरी न० कालो या सफ़ेद गोल मिर्च मिर्च मरीमसालो पुं० गरम मसाला (२) [ला. अतिशयोक्ति; नमक-मिर्च । मरेठण स्त्री० मराठा स्त्री [स्त्री मरेठी स्त्री० मरेठी वनस्पति(२)मराठा मरेठो पुं० महाराष्ट्रका निवासी; मराठा मरो पुं० मौत (२) मौतकासा दुःख मौत; शामत; मुसीबत मरोड पुं० घुमाव; मोड़; (अक्षरका) आकार (२) देखिये 'मरडाट' मरोडवू स० क्रि० देखिये 'मरडवू' मर्द, मई, मर्दानगी, मर्दाना(-नी) देखिये 'मरद' आदि मल पुं० मल्ल ; पहलवान For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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