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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मपाव ३७२ शिरोवेष्टन; उदा. 'माथा करतां मरघो पुं०. मुरगा; मुर्ग; कुक्कुटकुक्कर मनोहर मोटु मरची स्त्री० लाल मिर्चका पौधा(२) मपाव, स० कि० 'मापवु'का प्रेरणार्थक __ कानका एक गहना; मुरकी (३) एक मपा अ० कि. 'मापवू'का कर्मणि आतिशबाजी मफत अ० मुफ्तमें ; बिनदामों; मुफ्त मरचुं न० लाल मिर्च; मिर्च; मिरचा मफतन, मफतियुं वि० मुफ्तका; संतका; (२) मिर्च जैसा छोटा मगर तीखा व्यर्थका (२) मुफ्तखोर मनुष्य [ला. [-मीठं भभरावमफलर न० गुलबन्द; 'मफ़लर' नमक-मिर्च मिलाना । मरचा कठयां, मबलक (-1) वि. अतिशय; पुष्कल लागा=बुरा लगना; मिर्च लगना.] मम पुं० ब० व० चबेना मरजाद स्त्री० अदब; तमीज (२)पुष्टिमममम पुं० खाना; खुराक; उदा० मार्गकी आचारप्रणाली 'ममममनी पडी छे; टपटपनी नहीं' मरजादी वि० पुष्टिमार्गके विशिष्ट ममत पुं०; न० हठ; दुराग्रह (२) आचारके अनुसार चलनेवाला (२) होड़; चढ़ा-ऊपरी। [-मूकवो हठ स्त्री० पुष्टिमार्गकी आचारप्रणाली छोड़ना। ममते चरj-हठ करना; मरजियात वि० अपनी मरजी पर अवजिद पर आना.] लंबित; ऐच्छिक; इस्तियारी. ममतास्त्री० ममता; अपनापन; अहं मरजी स्त्री० मरजी; मर्जी; इच्छा भाव (२)स्नेह, ममता खुशी। -राखवी, साचववी=मरजीके ममताकु वि० ममतायुक्त; स्नेही अनुसार बरतना.] ममती(लं) वि० हठी; आग्रही ममरी स्त्री० मुरमुरे जैसे छोटे दाने मरजीवो पुं० समुद्र से मोती निकालनेममरो पुं० मुरमुरा (२) बत्तीका जला वाला; पनडुब्बा; मरजिया (२) हुआ हिस्सा; गुल (३) उकसाना; मौतकी परवाह नहीं करनेवाला; जान पर खेलनेवाला; मरजिया [ला.] टुपकना। [-मूकबो = झगड़ा लगा देनेवाली बात धीरेसे कहना; टुपकना.] मरर पुं०; स्त्री० कंकड़ (चूना बनाममळाव, स० क्रि० किसी चीजको नेका) (२)सड़क बनाने में काम आनेगलानेके लिए मुंहमें रखकर चूसना; वाला रोड़ा; कंकड़; गिट्टी .चुभलाना; टुघलाना मरर पुं०; स्त्री० देखिये 'मरडाट' ममी स्त्री० न० रक्षित शव ; मोमिया मरखg स० कि० मोड़ना; टेढ़ा करना मरक मरक अ० मुसकाते हुए (२) ऐंठना; मरोड़ना मरक, अ० क्रि० देखिये 'मलकवू' मराट पुं० ; स्त्री० मुड़ना; टेढ़ाई; ऐंठन मरकी स्त्री० महामारी; मरी; वबा (२) टेढ़ापन; वक्रता; रीस (३)गर्व; (हैजा, प्लेग आदि) घमंड (४) नाज; लटका मरधी स्त्री. मुरगी; मुर्गी मरा, अ० कि. 'मरडवू' क्रियाका मरधू न० मुरगा कर्मणि; मुड़ना (२) चिढ़ना; कोष For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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