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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org भारेजम (२) भारी होना; महँगा पड़ना । - कागबुं = (शरीर ) सुस्त लगना; अँगड़ाई लेना देहका टूटना . ] भारेखम वि० आबरूदार; वज्रनदार आदमी (२) गंभीर (३) बड़प्पनका आडंबर रखनेवाला ३६० भारवाई स्त्री० सगर्भा; हामिला भारो पुं० घास, लकड़ी आदिका बोझ ; गट्ठर ; गट्ठा [ छोटा गट्ठर भारोटी स्त्री० लकड़ीका छोटा बोझ; भारोभार अ० -के वजन बराबर; किसी चीज़के वज्रनके समान (२) पूर्ण ; भरपूर भालुं न०, (लो) पुं० भाला भालोडुं न० तीर ( २ ) उसका फल ; गाँसी भाव पुं० भाव; क़ीमत; दर भाव पुं० भाव; अस्तित्व; होना (२) प्रकृति; स्वभाव ( ३ ) इरादा; आशय; इच्छा; भाव ( ४ ) मनोवृत्ति ; मनोभाव (५) तात्पर्य; अभिप्राय; मंशा ( ६ ) चेष्टा; अभिनय; भाव; भंगी ( ७ ) राग प्रीति; भाव (८) श्रद्धा (९) आर्य ! पूज्य ! ( नाटकमें संबोधन ) । [-आववो, ऊपजबो = अच्छे दाम मिलना । -खाबो = मिन्नत समाजत या आजिजीकी अपेक्षा रखना ( २ ) नफा मिले इस तरह बेचना । - छोडवो = मर जाना । —थवो = चाह, अरमान होना; (२) ( किसीके प्रति ) प्रीति होना, भावना होना । —तुं भूख्युं = भावका भूखा ; प्रेम चाहनेवाला । पडवो : क़ीमत तय होना (२) भाव नीचे जाना; दाम कम होना। -पूछवो: = मूल्य - महत्त्वका गिनना; कद्र करना; पूछना ( २ ) क़ीमत या दाम पूछना | -भजववो = अपने स्वभावके अनुसार - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भांग बरतना; अपने पर आना । -राजवी = प्रीति रखना । भावे कभावे = इच्छा या अनिच्छासे. ] भाववुं अ० क्रि० भाना ; रुचना भासवुं अ० क्रि० दिखाई देना; दीखना; दिखना ( २ ) प्रतीत होना; लगना (३) प्रकाशित होना; भासना [ प . ] भाळ स्त्री० पता ; खबर; खोज; सुराग़ (२) सँभाल; देखभाल । [-आपकी, देवी = ठिकाना, पता बताना । —काढवी = टोह लगाना.] = भाळवण (-णी) स्त्री० सिपुर्दगी; सौंपना भाळवबुं स० क्रि० देखभालके लिये सपना सहेजना (२) सिफ़ारिश करना भाळवं स०क्रि० देखना; अवलोकन करना भांग (०ग, ) स्त्री० भंग; भाँग ( २ ) उससे बनाया हुआ पेय; भाँग; भंग भांगतोड, भांगफोड (०) स्त्री० तोड़ना• फोड़ना; तोड़-फोड़; विघटन भांगरे (०) पुं० एक वनस्पति ; भँगरा; भृंगराज । [ - वाटवो = छिपी हुई बातको प्रकट कर देना; भंडा फोड़ना. ] भांगवं (०) अ० क्रि० टुकड़े होना; भग्न होना; टूटना (२) स० क्रि० टुकड़े करना; तोड़ना ( ३ ) ( गाँवको ) लूटमारकर तबाह करना; ( गाँव पर ) डाका डालना । [ भांग्यानो भेद = अड़ीके समय मदद करनेवाला । भांगी पडवु = टूट जाना. ] भांग्jतj (०) वि० टूटा-फूटा भांजग ( -घ) ड (०) स्त्री० तकरार; झगड़ा (२) झंझट, झमेला; पचड़ा भांजा ( -घ) डियं (०) वि० उलझनवाला या झंझटी (काम) (२) झमेला करनेवाला; झमेलिया For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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