SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 347
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बान [- राजवी, लेबी = मनौती मानना; व्रत रखना. ] बान वि० जमानतके रूपमें; एवजका (२) न० पेशगी; बयाना (३) जामिन बामाखत न० पेशगीकी दस्तावेज; बयानाखत बानु स्त्री० सन्नारी बानुं न० बयाना; पेशगी बानू स्त्री० सन्नारी बाप पुं० बाप । [ -ना कूवामां बूडी मरयुं = नुक़सानदेह होने पर भी पुरानी कुलमर्यादाको निबाहे रखना; बापके कुऍमें गिरना । ना बाप बोलाववा = बापरे बाप पुकारना.] बापकर्मी वि० बापकी कमाई खानेवाला बापजन्मारामां, बापजन्मारे अ० सारी जिंदगीमें; कभी; जनमभर बापजी पुं० देखिये 'बापु' नं. (२) बापडुं वि० बापुरा; ग़रीब; बेचारा बापदादा पुं० ब० व० बापदादा ; पुरखे बापा पुं० (आदरार्थ ब ० व ० ) देखिए 'बापु' " वापीकुं वि० बापका; मौरूसी ; पैतृक बापु पुं० बाप; बापू (२) बड़ोंके प्रति आदरसूचक और छोटोंके प्रति प्यारसूचक शब्द; तात बापूकुं वि० देखिये 'बापीकुं ' बापो पुं० देखिये 'बाप' बाफ पुं०; स्त्री० ऊमस (२) पसीना (३) भाप ; बाफ । [ आपवो = भाप देना । -यवो, मारवो = [= ऊमस होना. ] बाफणुं न० भाप में पकानेकी क्रिया; उबालना (२) उबाली हुई चीज (३) 'उबाला हुआ मवेशीका खाना, भूसा (४) गु. हिं-२२ ३३७ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यात्र आमका शाक (५) [का] स्वादरहित खाना (६) गड़बड़ घोटाला बाफलो पुं० उबाले हुए बामका पना बाफबुं स० क्रि० पानीमें उबालकर Riधना (२) ( काम आदि ) बिगाड़ डालना; गड़बड़ करना [ला. ] बाबत स्त्री० विषय; बाबत; मामला (२) ब्योरा; विवरण (३) माजरा ; हक़ीक़त ( ४ ) अ० - के विषयमें, बारेमें; की बाबत बाबरां न० ब० व० सिरके बिखरे हुए बाल; झोंटे [ बाबरी बाबरी स्त्री० सिरपर बालोंका गुच्छा; बाबरुं वि० झबरा बाबागाडी स्त्री० छोटे बच्चोंकी गाड़ी; गडलना; गड़ोलना बाबाशाही, बाबाशी वि० हलका; निकम्मा (२) वि० पुं० बड़ौदा रियासत में पहले प्रचलित (सिक्का) बाबे अ० के बारेमें; - के विषयमें बाबोपुं० रोटी (बालककी भाषामें) (२) छोटा लड़का ; बाबा (३) दूधमुंहा लड़का बामण (म' ) पुं० ब्राह्मण बामणी (म') स्त्री० ब्राह्मणी बामणी स्त्री० छिपकली जैसा एक छोटा कीड़ा; ब्राह्मणी; बभनी बामलाई, बामली स्त्री० बग़ल में होनेवाला फोड़ा; कैवारी बायडी स्त्री० स्त्री; महिला ( २ ) पत्नी बायतुं वि० नामर्द; डरपोक, कायर (२) स्त्रीवश; जनमुरीद बायुं न० बायें हाथसे बजाया जानेवाला तबला; बाय बार पुं० बंदूक़ आदिकी आवाज ; धड़ाका बार न० द्वार ( २ ) आँगन ( ३ ) ड्योढ़ी For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy