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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org बाजीगरी जाना। - हारवी = बाजी हारना (२) युक्तिका सफल न होना. ] बाजीगरी स्त्री० बाज़ीगरका काम; बाजीगरी (२) खेल-तमाशा (३) युक्ति; प्रपंच; बाज़ीगरी ३३६ बाजु (-जू) स्त्री० छोर; अंत (२) दिशा; ओर; करवट ; पहलू; बल (३) पक्ष; तरफ़दारी । [ - ए बेसर्बु = स्त्रीका रजस्वला होना ( २ ) काममें से निकल जाना; किनारा करना; उदासीन रहना. ] बाशबुं स० क्रि० लगना; सटना; लिपटना ( २ ) अ० क्रि० झगड़ना; लड़ना बासंबाशा ( -सी), बाझाबाझ (श्री) स्त्री० लड़ाई; टंटा-फ़साद; झगड़ा बाट न० बाट, वजनका सेट areej अ० क्रि० सट जाना; लिपटना (२) झगड़ना; लड़ना बाटली स्त्री० शीशी ; बोतल ( २ ) शराब [ला. ] । [ - पीवी = शराब पीना. ] बाटलो पुं० बड़ी बोतल ; शीशा । [ बाटला भरवा = शीशेमें उड़ेलना ( २ ) रोज़ दवा लाना; सदा रोगी बने रहना. ] बाहुं वि० भेंगा; ऐंचाताना । [ बाडी आंखे जोवुं = तिरछी नज़रसे चोरीसे देखना ( २ ) उपेक्षित दृष्टिसे देखना; देखा अनदेखा करना. ] बाण न० बाण; तीर (२) अंडाकार पत्थर (शिवलिंग) (३) खाड़ीकी ज़मीन जहाँ ज्वारका पानी आता हो (४) खेतका सीमासूचक पत्थर या कोई निशान ढोला (खेतका ) ( ५ ) पदचिह्न पाँवका निशान (६) बाणासुर । [ काढ = पाँवके निशानसे चोरका पता लगाना. 1 ; Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बापा बाणावळी पुं० बाप चलानेमें कुशल योद्धा; होशियार तीरंदाज; बानैत; धनुर्धर [ क़बूलियत बाणी स्त्री० ठहराई हुई मुद्दत ( २ ) शर्त ; बाणु, बाणुं वि० बानवे; बानबे ; ९२ बातमी स्त्री० समाचार; खबर ( २ ) पता; टोह [ वाला; टोहिया; संवाददाता बातमीदार वि० (२) पुं० ख़बर लानेबातल वि० रद्द ; निकम्मा; बातिल (२) निकाल दिया हुआ; बरतरफ़ बाथ स्त्री० दोनों हाथ फैलाकर पकड़ना या आलिंगन देना; घपची; कोली (२) टक्कर; मुक़ाबला; मुठभेड़ । [- भरवी, भीडवी, लेवी = आलिंगन देना; भेंटना ( २ ) बीड़ा उठाना ; बड़ा भारी काम हिम्मतसे अपने ज़िम्मे लेना (३) मुक़ाबला करना; - से भिड़ना. ] बाथोडि न० बेकार कोशिश करना बाद वि० कम; रद्द (२) अ० बाद; पीछे ; बादमें बाबाकी स्त्री० घटानेकी रीति; वाक़ी; तफ़रीक; व्यपकलन[ ग. ] ( २ ) घटानेसे निकलनेवाली रकम ; शेष ; बाक़ी बादलुं वि० नक़ली; मुलम्मा चढ़ाया हुआ (२) जो टिकाऊ न हो ( ३ ) न० बादला (४) ज़रकश साड़ी बावी स्त्री० अजीर्ण ; बदहज़मी ( २ ) पेटमें होनेवाली वायु; बादी बाघ पुं० बाधा; अड़चन ; प्रतिबन्ध (२) विरोध; एतराज ( ३ ) दोष; पाप ( ४ ) पीड़ा; बाधा । [ - आववी = हरज, आपत्ति होना; बाघा खड़ी होना. ] बाधा स्त्री० मानता; मनौती ( २ ) पीड़ा कष्ट ; बाघा (३) विघ्न; बाधा । For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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