SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 108
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुटारों - - कुटारो पुंकूचागर्दी (२) झंझट; माथापच्ची [ला.] रूप कुटाव सक्रि० 'कूटर्बु'का प्रेरणार्थक कुटावं अ०कि. 'कूटर्बु'का कर्मणि (२) भटकना; व्यथं चक्कर लगाना (३) समझमें न आना; असमंजसमें पड़ना ला.] कुटुंब न० कुटुंब ; परिवार (२)कुटुंबकबीला (३) स्त्री-पुत्रादिका समूह; बाल-बच्चे बच्चे कुटुंबकबीलो पुं० कुटुंब-कबीला; बालकुटुंबपरिवार पुं०कुटुंब और परिवार कुटुंबी वि०कुटुंबी; कुटुंबका (२) कुनबे, बाल-बच्चेवाला (३)न०० कुटुंबका व्यक्ति कुटव स्त्री० कुटेव; बुरी आदत कुन्तुं न० कुरता कुतकुं न० कुतका; सोंटा कुतरियं न० कुत्ता (घास); लपटीओं कुतुब पुं० चक्कीकी कील; अखौटा (२)ध्रुव तारा; कुतुब । कुत्ती स्त्री० कुत्ती; कुतिया कुत्तो पुं० कुत्ता कुदकारो पुं०कुदक्का; कुदान कुदकुं न० कुतका; सोंटा कुदरत स्त्री० कुदरत (२)जातिस्वभाव (३) शक्ति; ताकत कुदरती वि०कुदरती;प्राकृतिक ; असली कुदावईं सक्रि०कुदाना; कुदवाना कुदावं अ०क्रि० कूदा जाना कुधान न• कुधान्य कुषारोपुं० कुरीति(२)सुधारका उलटा; बिगाड़ - [चालाकी कुनेह स्त्री० हिकमत (२) चतुराई; कुपात्र वि० कुपात्र; नालायक़ (२) कुलनायक उपत, बहका हुआ; बेअदब (३)न. निम्न कोटिका पात्र()कुपात्र व्यक्ति कुप्पी स्त्री० कुप्पी; छोटा कुप्पा कुप्पो पुं० कुप्पा [दुश्चरित्र स्त्री कुबजा स्त्री० कुब्जा; कुबड़ी (२) खराब, कुम्जा वि० स्त्री० कुब्जा; कुबड़ी (२) स्त्री० कैकेयीकी दासी-मंथरा; कुबरी (३) कंसकी एक दासी जो कृष्णकी कृपापात्र थी; कुबरी; कुब्जा कुमारवा स्त्री० नीच-बुरी स्त्री (२) लड़ाकी; कर्कशा (३) फूहड़ स्त्री कुमक स्त्री० कुमक; मदद।[कुमके ऊमा रहे (किसीकी)कुमक पर होना; किसीका मददगार होना.] | कुमकुम न० कुंकुम रोली नरमी कुमळाश स्त्री० कोमलता; मुलायमत; कुमळ वि० देखिये 'कोमळ' । कुमाविसदार पुं० माल-महकमेका अधिकारी (२) साफ़ बुनाई कुमाश स्त्री०मुलायमत नरमी(कपड़ेकी) कुरकुरियुं न० कुत्तेका बच्चा; पिल्ला कुरतुं न० कुरता कुरन(-नि)स, कुनिश स्त्री० कोरनिश कुल वि० कुल ; सारा (२)तमाम ; पूर्ण कुल न० कुल; कुटुंब (२)कुलीनता (३) समूह; झुंड; दल (४) मुवक्किल (वकीलका) कुलगी (ल') स्त्री० कुल्हिया (२)सुनारोंकी कुल्हिया जिसमें सोना-चांदी गलाते हैं; घड़िया (३)गुदाका भाग; कांच (जिसमें से मल बाहर आता है)। [-मां गोळ भागवो आपसमें (झगड़ा) निबट लेना (अन्य व्यक्तिको बीचमें लाये बिना).] कुलनायक पुं० विश्वविद्यालयका उपकुलपति; 'वाईस-चान्सलर' For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy