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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . १५ . करता; डोगी रेंगान किल्लेदार किल्लेदार पुं० किलेदार(२)किलेकी रक्षा कोरिया न० चींटियोंका दर .. करनेवाला सैनिक [किलेकी तामीर कोरियासेर स्त्री० काचके बहुत छोटे किल्लेबंदी (-पी) स्त्री० किलेबंदी (२) मनकोंकी माला किल्लो पुं० किला; गढ़ काश्तकारी। कोरियं न० काचका बहुत छोटा मनका किश्त स्त्री किश्त; शह (शतरंज)(२) कोडी स्त्री. कीड़ी; चिउँटी। [-ओ किती स्त्री० किश्ती; नाव उमरावी असंख्य आदमियोंका जमा किसम स्त्री० किस्म; प्रकार होना।-ओ चरवी=(काम करते) किसमिस स्त्री० किसमिस, किशमिश उकता जाना।-उपर फटक-सामान्य किस्ती स्त्री. किश्ती ; डोंगी प्रयोजनके लिए भारी प्रयत्न.] किल्सो पुं० किस्सा; कहानी (२)किस्सा कोरीवेग पुं०चिऊँटीकी चाल चिउँटिया -कहानी। -करवो युक्ति रचना.] किंकर पुं० किंकर; सेवक कीडो पुं० कीड़ा किंकरी स्त्री०सेविका; दासी कीनालोर वि० कीनाकश; कीनावर किमत स्त्री कीमत; बदला; मुआवजा कोनो पुं० क़ीना; कट्टर बैर (२) क़द्र; गिनती कीमत स्त्री० देखिये "किमत' कोकली स्त्री० बच्ची कीमती वि० कीमती; मूल्यवान कोकलो पुं० बच्चा कीमियागर पुं० कीमियागर(२)कलाकीकी स्त्री० (आँखकी) पुतली; तारा कुशल-हुनरमंद व्यक्ति (३)धूर्त ; ठग कोकी स्त्री० बच्ची; बालिका कोमियो पुं० कीमिया; अकसीर (२) कोको पुं० बच्चा; छोटा बालक जादू, कार्यसाधक युक्तिला.] (३) कीच (०१) पुं० कीच; कीचड़ आसानीसे अधिक धन मिले ऐसा कीट वि० बराबर जबानी किया हुआ; इल्म, पेशा या साधन बरजबान (२)पूरा माहिर ; अनुभवी कीरतन न० कीर्तन कीट पुं० मैल; जंग (२)कूड़ा-करकट; कीरतनियां नम्ब०व० झांझ करदा; किट्ट; तपाये हुए घीकी तल- कीरतनियो पुं० कीर्तनिया; कीर्तनकार छट (३) गांठ; गट्ठा कील पुं० (गाड़ीके पहिये परकी) कोट (क) पुं० कीट; कीड़ा कालिख (२) मेख ; खूटा; कील कीटली स्त्री० केतली; चायदानी कोली स्त्री०ताली; कुंजी (२)तिजोरी कीटियं वि०जिसमें बिनौलेके टुकड़ों या कोलीवर पुं० जिसके पास (किला, पत्तियोंका चूरा आदि कचरा हो(२) तिजोरी वगैरहकी) कुंजी रहती हो न० छिलपट (लकड़ीकी) - वह व्यक्ति कीटी स्त्री० रूई (बिनौलेके बारीक कुकरेकूक न० कुकडू-कू (मुरगेकी) टुकड़ों या पत्तियोंके चूरे आदि)का कुछंब पुं० बुरी लत या चसका; लंपटता कचरा किट्ट; काईकटामण न० बेकार चक्कर काटना: कीटं न० तपाये हुए धीकी तलछट; कूचागर्दी For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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