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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूलक्रिया । - (१२) अ.-६ - +५४ अ+८१ स का और अई- ४ अर +१० अ३-४ +१ इस का वर्गमल क्या है? उत्सर, अरे-३ - और अ - २ -२ +१॥ (१३) ४ अ +४० अय-५०० अय + ६२५ य यह किस का धर्म है। उत्तर, अ+ १० अय-२५ यर । (१४) किस का वर्ग करें तो ८१ + २१६ -१९२ यर + ६४ र यह होगा? उत्तर, य+१२यर-कर। (१५) ६४ वय - ३२० अघि + १००० अय + ६२५ दूस का वर्गमल कहो। उत्तर, अय-२० अय-२५ । (१६) १-२ +३.१- ४ अ + ३ अ - २ अ + अ इस का और य-४ य + ४२° इस का वगैमल क्या है? उत्तर, १- +अर-अ और य - २२२ । (१७) ४य +८ + ५य - २ य+ १ इस का और य+२यल +५यल२-८ यल' + ४ ल इस का वर्गमल क्या है? उत्तर, रय+२ यर-य+१और य+यरल +२ यल-२ ल । (१८) य-४ य + १०५ - १५य + ३६ य+ ३६ इस का और +२ अकरे +२ अगः + क +२कग + गइस का वर्गमल क्या है? उत्सर, य-२ +३य+६और अ+कर+गरे । (१९) किस का वर्ग १६ य-४० यर + २५ +२४ य-३०र+ उत्सर, ४५-५+३। (२०) १६ - ३२ अक+२८ अक* -- 8 अ +क इसका वर्गमूल क्या है? उत्तर, ४ -४ अक-२ कर -२ अक+क। For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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