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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूलक्रिया । . ..(३) १६ त थ द इस का और ८१ (क-ग) इस का चतुर्शतमूल क्या है? उत्तर, रतथद' और +३ अ (क-ग)। (४) -३२ अतय० इस का और (अ+ य२)१० ( -1)१५ इस का पञ्चधातमल क्या है? _ उत्तर, २ अत य और (अर + यः)२ (-यर) । (५) ५५ प फरव१८ इस का और ६४ (अ-क) (अ-ग)२७ (क-म)४२ दूस का षड्यातमल क्या है? उत्तर, ५ पफ ब और + २(अ-क) (अ-ग) (क - ग) । (६) अ + १४ अ+ ४९ इस का और हय-३० य + २५ इस का. वर्ग: मूल क्या है? उत्तर, अ+७ और ३५-५। ___ (७) हय--१२ यर ४१ इस का और ४ अ -२० +२ इस का वर्गमल क्या है? उत्तर, ३५-२१ और २१-५ । - (८) अक+६ अक+इसका और ४ अयर- १२ अकयर +ear इस का वर्गमल क्या है? ___ उत्तर, अक+३ और २ अय-३ कर। (द) अ-१० अ + २५ यरस का और अय-२ अयर + रस का बर्गमन क्या है? उत्तर, अ-५ य और अय-र। (१०) ८१ अ + २९ अ + २१६ अ + E अय' + १६ य" इस का वर्गमल कहो। उत्तर, अ+ १२ अय+ ४ यरे । (११) -२ अ + ३ २ -२ अ +4 इस का और . ४ य-८ + ४ य+प इस का वर्गमूल क्या है ? उत्तर, अ-य+ बार २ यर-२५-३ For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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