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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १०६ य + र लघुतमापवर्त्य । (य+र) (य-र) x (य+यर+२) (य-र) :: लघुतमापवर्त्य = (य+ य-र = (य+र) (य+यर+र) (य-र) = (य-२२) (य+यर+r) = य+यर-य-र। उदा० (४) य२- यर-हर और य-२यर- दून का लघु. तमापवर्त्य क्या है? यहां उद्दिष्ट पदों का महत्तमापवर्तन य+२र है, .. (य-यर-६२) (य-२यर-२) :: लघुतमापवर्त्य = ___ य-यर-दर Jx (य-२यर-कर) _य+र = (य-३र) (यर-२यर-दर) = यः-५ यर-२यर+२४ । अभ्यास के लिये और उदाहरण । (१) २१अकीय और २८ अकाय इन का लघुतमापवर्त्य क्या है? ___ उत्तर, ८४ अकय । (२) २१ (अ+य) और १४ (अ-य) इन का लघुतमापवर्त्य क्या है ? उत्तर, ४२ (ब-या)। (३) १८ अकर (य-र)२ और ३० अक(य-र)३ दून का लघुतमापवर्त्य क्या है? उत्तर, अक' (य-र)। . (8) अ+क और अ-क इन का लघुतमापवर्त्य क्या है ? __उत्तर, अरे- करे। (५) ३य-२र और ६५+५यर-६२, इन का लघुतमापवर्त्य क्या है? उत्तर, य+५यर-घर। For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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