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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महत्तमापवर्तन । - (३६) १५ य° + ३५ य+शय १ और २५ य+५९ य+ ३६ यः - य + १ इन का महत्तमापवर्तन क्या है ? उत्तर, (य + १)३ । (३७) ६अ - ११ अय+१३ अश्य - ३७ अघ +४१ अय' - १२ यः और अय+३२ अश्यः -१६ अय' + ४३ अय' -२० या दून का महत्त मापवर्तन क्या है? उत्तर, ४ अ +२ अय + ७ अय-४ यः । (३८) २ य-५ यर +३ यर - यर' + ३ यर - ८ यर + ३र और ५ -७ यर + ५ यर- य३+५ य* -- २य + ४ इन का महत्तमापवर्तन क्या है? - उत्तर, य - या + यर- या +र।। ____ (३९) अय + (अच- क) य- (कच - ग) य + गच, और पयः + (पच+क) य२+ (फच-ब) य-बच दून का महत्तमापवर्तन क्या है? उत्तर, य+च । (४०) अई-कर-२ अकग+ अग२-२कग-२कगर- अगर- गरे और अ- अक-अक+क-अग-अगर+करेंग+ कग+ ग दून का महत्तमापवर्तन क्या है? उत्तर, अ-क-ग। ४६ । नो उद्दिष्ट पदों के गुण्यगुणकरूप खण्ड शीघ्र हो सकते हों तो उन का महत्तमापवर्तन निकालने का प्रकार दूसरा । ___ दोनों उद्विष्ट पदों के अलग २ खण्ड करो तब पहिले पद के खण्डों में जितने खण्ड दूसरे पक्ष के खण्डों में होंगे उन का गुणनफल उद्विष्ट पदों का महत्तमापवर्तन होगा। __ उदा० (१) अ-२ अक+अकर-२ कर और अ२-४ कर इन का महत्तमापवर्तन क्या है? For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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