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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 167 धातुसंग्रह. वित्त, उ. 10. समुत्सर्ग. तनपुं, छोऽj. वित्तयति - ते तछे. विश्, (क) आ. 1. याचने. पुं, भाग. वेथते धनिन भिक्षुः निक्ष ધનવંતને જાચે છે. विद्, (अ) प. 2. ज्ञाने. यु. वेत्ति शास्त्रम् ॥खने गछ. वेदः (अति), वेदवित्. कोविदः (पंडित), विदथः (नाना), विद्वान्, विदुषी, विद्या, वेदना, विदितम् (सात), विदिः (शि६५l), विदुः (३त्ता). विद, (अ) आ. 4. सत्तायाम. छ , विद्यमान हो. विद्यते घट: घाछ विद्यमानः, वित्तम् (धन). विद, (ल) उ. 6. लाभे. लाम. विदति - ते पुण्यं दाता ता पुथने सामेछ. वित्तः (स-५), गोविंदा, अरविदम् (भल), वित्तं (1 धन, 255). विद, (अ) आ. 7. विचारणे. वियारपुं. वित्ते ब्रह्म विवेकी वि१४। ब्रह्मने विगारेछ. विनः (पियारेद), निर्वेदः (पोतानु अपमान). विद, (अ) आ. 10. चेतनाख्याननिवासेषु. 1 मनुलपयु, शु.२ हे, प्रसि६ 42y, मा. 3 वास, 22. वेदयते सुखम् चेतयत इत्यर्थः सुपने अनुभव. आवेदयते धर्मम् आख्यातीत्यर्थः धर्भने छ. वेदयते गृहम् निवासंकरोतीत्यर्थः 52 नेवासछे. विध, (अ) प. 6. विधाने. सयुं, 5, 42. विधति विश्वं वेधाः बाहेर विश्वने धछे. 1 विधिः, 2 वेधाः (अस् + ब्रह्मा). विल्, (अ) प. 6. संवरणे. मोऽयुं, dixg. विलति भोछा. वेला. विला, प. 11. विलासे. 4ii 4 ४२वी. विलायति / / 2. विश, (अ) प. 6. प्रवेशने. स. विशति पसेछ. प्रविशति = पइसइ = पेसे. प्रवेशः, आवेशः, समावेशः, अभिनिवेशः, निवेशः, विष्टपम् (411), प्रविष्टः = पइटो = पेटो. उपविष्टः, वेशंतः (तया), विश्वा (पृथ्वी), वेश्म (52), वेशः (1 १२याधर, 2 मारे ४२वी शोला), विशिपः (21), विष्टा (5). विष्, (उ) प. 1. सेघने. सिंन्यपुं. वेषति सिंयछे. वेषणम् = स. For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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