SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 685
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ६५४ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा - चन्द्रोदय | इस तरह मिलाकर सवेरे शाम और दोपहरको चटाओ । अगर रोगीको क्षय या और ज्वर के कारण दाह - जलन हो, तो इस रसमें १ माशे बंसलोचन और ११२ रत्ती छोटी इलायचीका चूर्ण मिलाकर देना चाहिए | दो मात्रा में ही जलन दूर हो जावेगी । अगर रोगीका पेशाब पीला आता हो, और उसमें जलन होती हो, तो रोगीको चन्दनादि अर्क ६ तोला और शर्बत बनफ़शा ४ तोले मिलाकर दिन में ३ बार पिलाना चाहिए । यह अर्क पेशाब की जलन और पीलेपन को दो-चार मात्रामें ही नाश कर देता है । इस अका कुमुदेश्वर रस सेवन कराते हुए, उसके साथ-साथ, दूसरे टाइमपर देते हैं । यह अर्क ज्वर नाश करनेमें भी अपूर्व चमत्कार दिखाता है । चन्दनादि अर्क Į सफ़ेद चन्दन, लालचन्दन, खसकी जड़, पद्माख, नागरमोथा, ताजा गिलोय, शाहतरा, नीमकी छाल, गुलाब के फूल, फूल-नीलोफर, त्रिफला, दारूहल्दी, कासनी, कौंच के बीजोंकी गरी, सौंफ, नेत्रवाला, धनिया, तुलसी के बीज, धमासा, मुण्डी, मुलहटी, छोटी इलायची, पोस्तके डोडे, बहेड़े की जड़, गन्नेकी जड़, जवासेकी जड़, कासनीकी जड़ और गाव जुबाँ - ये सब एक-एक तोले, पेठेका रस १ सेर, लम्बी लौकीका रस १ सेर, काहू १ छटाँक और कुलफा १ छटाँक । इनमेंसे पेठे और लौकीके रस अलग रख दो और शेष दवाओंको जैकुट कर लो । बादमें, एक चीनी के टीनपाट में पेठे और लौकीका रस डाल, उसमें दवाओंका चूर्ण डालकर शामको भिगो दो; सवेरे उसमें १०।१२ सेर जल डाल दो | भभकेके मुँ हमें १ माशे केशर, १ माशे कस्तूरी, १ माशे अम्बर और ३ माशे कपूरकी पोटली बना लटका दो । फिर अर्ककी विधिसे अ खींच लेा, पर आग मन्दी रखना । दस बोतल या ७ || सेर अर्क खींच For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy