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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बिच्छू - विषनाशक नुसखे । २६५ (३१) बिच्छू के काटे स्थानपर मदार या आकका दूध मलने से फ़ौरन जहर उतर जाता है । (३२) बिच्छू के काटे स्थानपर मक्खीको मलने से फ़ौरन आराम होता है। ( ३३ ) सूखा अमचूर और सूखा लहसन- इन दोनों को पानी के साथ पीसकर, काटे स्थानपर लेप करनेसे फ़ौरन ज़हर उतर जाता है । ( ३४ ) बिच्छू के काटे स्थानपर, समन्दरफल, पानी के साथ पीसकर, लेप करनेसे बिच्छूका विष नष्ट हो जाता है । (३५) मुश्की घोड़े के नाखून पानी में पीसकर लगानेसे बिच्छूका विष नष्ट हो जाता है । परीक्षित है । - नोट—घोड़े के अगले पैरके टखनेके पास जो नाख़ून-सा होता है, उसको पानी में पीसकर बिच्छूके काटे स्थानपर लगाने से भी बिच्छूका ज़हर उतर जाता है । परीक्षित है । मुश्की घोड़ेका नाखून न मिले, तो साधारण घोड़ों के नाव नोंसे भी काम चल सकता है । ( ३६ ) नौसादर, सुहागा और कलीका चूना - इन तीनों को बराबर-बराबर लेकर, महीन पीसकर, हथेली में रखकर मलो और बिच्छू के काटे हुएको सुँघाओ। कई बार सुँघानेसे अवश्य आराम होगा । कई बारका परीक्षित है । ( ३७ ) कसौंदी के बीज, पानी के साथ पीसकर, काटे स्थानपर लगा देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है । (३८) चूहेकी मैंगनी, पानीके साथ पीसकर, काटे स्थान पर लगाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है । परीक्षित है । नोट -- चूहेकी मैगनियों में विष नाश करनेकी बड़ी शक्ति है । ( ३६ ) बिच्छू काटे स्थानपर, सज्जीको महीन पीसकर और शहद में मिलाकर लेप करो; फौरन लाभ होगा । (४०) पलाशपापड़ा, पानीमें पीसकर, बिच्छू के काटे स्थान पर लगाने से ज़हर उतर जाता है । ३४. For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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