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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २३६ चिकित्सा-चन्द्रोदय । - (३४) साँपके काटेको मदारकी जड़ पीस-पीसकर पिलानेसे साँपका जहर उतर जाता है। नोट-कोई-कोई मदारकी जड़ और मदारकी रूई-दोनों ही पीसकर पिलाते हैं । हाँ, अगर यह दवा पिलाई जाय, तो साथ-साथ ही साँपके काटे हुए स्थानपर मदारका दूध टपकाते भी रहो । जब तक टपकाया हुश्रा दूध न सूखे, दूध टपकाना बन्द मत करो । जब ज़हरका असर न रहेगा या ज़हर उतर जायगा; टपकाया हुश्रा मदारका दूध सूखने लगेगा। (३५) गायका घी ४० माशे और लाहौरी नमक ८ माशे-दोनोंको मिलाकर खानेसे साँपका ज़हर एवं अन्य विष उतर जाते हैं। (३६) थोड़ा-सा कुचला और कालीमिर्च पीसकर खानेसे साँपका जहर उतर जाता है। (३७) कालीमिर्च और जमालगोटेकी गरी सात-सात माशे लेकर, तीन काराजी नीबुओंके रसमें खरल करके, मिर्च-समान गोलियाँ बना लो । इन गोलियोंको पानीमें पीसकर आँजने और दोतीन गोली खिलानेसे साँपका काटा आदमी निश्चय ही आराम हो जाता है। (३८) कसौंदीके बीज महीन पीसकर आँखोंमें आँजनेसे साँपका जहर उतर जाता है। (३६) “इलाजुलगुर्बा में लिखा है, एक खटमल निगल जानेसे. साँपका जहर उतर जाता है। (४० ) तेलिया सुहागा २० माशे भूनकर और तेलमें मिलाकर पिला देनेसे साँपका काटा आदमी आराम हो जाता है। ___ नोट-संखियाके साथ सुहागा पीस लेनेसे संखियाका विष मारा जाता है, इसीलिये विष खाये हुए श्रादमीको घीके साथ सुहागा पिलाते हैं। कहते हैं, सुहागा सब तरहके ज़हरोंको नष्ट कर देता है। (४१) चूहेका पेट फाड़कर साँपके काटे स्थानपर बाँध देनेसे जहर नष्ट हो जाता है। कहते हैं, यह जहरको सोख लेता है। For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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