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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२४ चिकित्सा-चन्द्रोदय । बार पीओ । इस काढ़ेसे अफीमके कष्ट कम होंगे। दिनमें, ८/१० दफ़ा, आध-आध पाव दूध पीओ। हलवा, मोहन-भोग और मलाई खाओ। दिलमें धीरज रखो। दस्तोंके रोकनेको कोई भी दवा मत लो। हाँ, नींद और दर्द वगैररके लिये ऊपर नं० २ में लिखे उपाय करो । काढ़ा ११ दिन पीना चाहिये। अगर सिगरेट, तमाखूका शौक हो, तो इन्हें पी सकते हो। सूखी तली हुई भाँग भी गुड़में मिलाकर खा सकते हो। हमने कई बार केवल गहरी, पर रोगीके बलानुसार, भाँग खिला-खिलाकर और गरमीमें पिला-पिलाकर अफीम छुड़ा दी। इसमें शक नहीं, अफ़ीम छोड़ते समय धीरज, दिलकी कड़ाई और दूधघीकी भरती रखनेकी बड़ी ज़रूरत है । नोट-ये सभी उपाय हमारे अनेक बारके परीक्षित हैं। २५, ३० साल पहले ये सब उत्तम-उत्तम तरीके आयुर्वेदके धुरन्धर विद्वान् स्वर्ग-वासी पण्डितवर शंकरदासजी शास्त्री पदेके मासिक-पत्रसे हमें मालूम हुए थे। हमने उनकी सैकड़ों अनमोल युक्तियाँ रट-रटकर कण्ठाग्र कर ली और उनसे बारम्बार लाभ उठाया । दुःख है, महामान्य शास्त्रीजी इस दुनियामें और कुछ दिन न रहे । यों तो भारतमें अब भी एक-से-एक बढ़कर विद्वान् हैं; पर उन-जैसे तो वही थे । हमें इस विद्याका शौक़ ही उनके पत्रसे लगा । भगवान् उन्हें सदा स्वर्गमें रखें । अफीम-विष नाशक उपाय । (१) पुराने काराजोंको जलाकर, उनकी राख पानीमें घोलकर पिलानेसे, वमन होकर, अफ़ीमका जहर उतर जाता है। (२) कड़वे नीमके पत्तोंका यन्त्रसे निकाला अर्क पिलानेसे अनीमका विष उतर जाता है। ___ (३) मकोयके पत्तोंका रस पिलानेसे अफ़ीमका विष नष्ट हो जाता है । परीक्षित है। (४) बिनौले और फिटकरीका चूर्ण खानेसे अफ़ीमका विष उतर जाता है। For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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