SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 49
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रोषकर ९०२ उपसर्ग (सुद०१३३) गतिरोधवशेनासावेतस्योपरि रोषणा। (सुद० १३३) तमस्। (जयो०वृ० ४/२५) द्वेष। भूरागस्य न वा रोषस्य न, शान्तिमयी सहजा वा। (सुद०७४) रोषकर (वि०) गुस्सा करने वाला। रोषकारक (वि०) कोप को बढ़ाने वाला। रोषगत (वि०) उपसर्ग को प्राप्त। रोषगात्र (वि०) कुपित शरीर वाला। रोषजन्य (वि०) क्रोधजन्य। रोषताप (वि०) क्रोध से पीड़ित। रोषभावः (पुं०) क्रोध भाव। रोषशील (वि०) द्वेष शील। रोषहर (वि०) क्रोध को जीतने वाला। रोषाग्नि (स्त्री०) क्रोध रूपी अग्नि। रोषारूणं (नपुं०) प्रभातिकमरूणिमा, प्रात:कालीन लालिमा। (जयो० १८/३६) ०कोपासण, क्रोध से तमतमाया हुआ। (जयो० १३/१०७) रोहः (पुं०) [रुह्+अच्] गहराई, ऊंचाई। ०बुद्धि विकास। ०कली. बौर, अंकुर। रोहणः (पुं०) [रुह ल्युट्] एक पर्वत नाम। रोहणं (नपुं०) आरोहण, सवार होना। रोहणद्गुमः (पु०) चन्दन तरु। रोहन्तः (पुं०) वृक्ष। रोहन्ती (स्त्री०) लता। रोहिः (पुं०) [रुह इनि] हरिण। ०धर्मात्मा व्यक्ति। ०वृक्षा ०बीज। रोहिणी (स्त्री०) [रुह्इनन् ङीष्] ०लाल रंग की गाय। नक्षत्र विशेष, चतुर्थ नक्षत्र। एक प्रसिद्ध रानी। ०बलराम की मातुश्री। रोहिणीपतिः (पुं०) चन्द्र। रोहिणीप्रियः (पुं०) चन्द्र। रोहिणीरमणः (पुं०) चन्द्र। रोहित (वि०) लाल रंग। रोहितः (पुं०) लोमड़ी, रोहित मछली। (दयो० १४) रोहितं (नपुं०) रुधिर। केसर। रोहिताश्वः (पुं०) अग्नि, आग। रोहिषः (पुं०) [रुह इषन्] रोहित मछली। रौक्ष्यं (नपुं०) [रुक्ष् ष्यन्] कठोरता, रुखापन। कर्कशता, क्रूरता। रौद्र (वि०) चिड़चिड़ा, गुस्से वाला। भीषण, बर्बर, भयानक। रौद्रं (नपुं०) जोश, उमंग, क्रूर, कोप। रुद्रः क्रूराशयः तस्य कर्म तत्र भवं वा रौद्रम्। निरन्तर प्राणवधादिक चिन्तन। ० भीम, भयानक। 'रुद्राशयभवं भीमपि' रोदयते प्राणिन इति रुद्रो हिंस्त्रो रुद्रेभवं रौद्रम्' (जैन०ल० ९६४) रौद्रध्यानं (नपुं०) रुद्र परिणामों से युक्त ध्यान। (समु० ४/३७) क्रूरमनुष्य का ध्यान। अन्येषां हतये मृषोक्तिकृत्ये चौर्यप्रयोगाय वा. वित्ताद्यर्जन हेतवे च य इमे चित्तानुरक्तिस्तवाः। (मुनि० २१) ०मानसिक अनुराग। (समु०८/३६) हिंसानंदी, मृषानन्दी, मौर्यानन्दी और परिग्रहानन्दी ये चार मनुष्य के क्रूरभाव है, इनका चिन्तन रौद्रध्यान है। (मुनि० २१) रौद्रपरिणामः (पुं०) रौद्रभाव। (समु० ४/३७) रौद्रमानसः (नपुं०) रौद्रध्यान। (समु० ५/३४) रौप्य (वि०) चांदी से संबंधित, चादी से निर्मित। रौरवः (पुं०) बर्बर, कठोर. दुःखपूर्ण। नरक विशेष। (वीरो० ११/१९) (समु० १/३४) रौरव (वि०) [रुक+अण्] मृग की खाल से निर्मित। रौरवनरकः (पुं०) रौरव नामक नरक। (वीरो० ११/१९) रौहिणः (पुं०) चंदन तरु, वटवृक्षा रौहिणेयः (पुं०) बछड़ा, वत्स। ०बुध ग्रह। रौहिणेयं (नपुं०) पन्ना, मरकतमणि। रौहिष् (पुं०) हरिण। रौहिषः (पुं०) हरिण। रौहिषं (नपुं०) तृण विशेष। लः (पुं०) अन्त:स्थ वर्ण इसका उच्चारण स्थान दन्त्य है। (दयो० १४/८४) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy