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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रुदनं ८९८ रूपं रुदनं (नपुं०) [रुद्+ल्युट्] कंदन. विलाप, शोक करना। रुषान्वित (वि०) सरोष, कोप सहित। (जयो० ७/६१) (जयो० ३/२६) रुषारुणं (नपुं०) क्रोध से लाल। (जयो० ११/१५) रुदित (वि०) [रुद्+क्त] क्रदित, विलापित, शोकाकुल हुआ। रुषःस्थली (स्त्री०) कोपवती। (जयो० १७/१०३) (सुद० १०९) रुष्टा (वि०) क्रोधित हुआ. कुपित हुआ। (जया० २०६८) रुद्ध (भू०क०कृ०) [रुध्+क्त] अवरुद्ध, बाधा युक्त, रुका रुह् (अक०) उगना, फूटना. अंकुरित होना। (मुद० २.३३) हुआ विरोधी। ०उपजना, विकसित होना, बढ़ना। घिरा हुआ। (सुद० २/) उठना, उन्नत होना, चाहना। (जयो०० ८/६०) रुद (वि०) [रोदिति-रुद्र क्] भयंकर, भयानक, डरावना, स्वस्थ होना। भीषण। रुहू (सक०) रखना, उठाना, निदेशित करना, आरोपित करना। रुद्रः (पुं०) आदि देव, शिव। नियुक्त करना। रुद्रपक्षः (पुं०) भीषण पक्षा (जयो० १/२( (जयो० १/१५) रु/रुह (वि०) अंकुरित हुआ, उत्पन्न हुआ। रुद्राक्षः (पुं०) रुद्राक्ष नामक वृक्षा रुद्धा (स्त्री०) [रुह्+टाप्] दूर्वा, घास, दूबड़ा। रुद्राक्षमाला (स्त्री०) रुद्राक्षमा। (जयो० २४/८३) रुक्ष (वि०) [रुक्ष्+अच्] खुरदरा, रुखा, कठोर। रुद्राणी (स्त्री०) पार्वती, गौरी। (दयो०१/१६) ०कसैला। रुद्रावासः (पुं०) कैलास पर्वत, हिमालय। असम, कठिन, कर्कश। ०श्मशान। दूषित, मलिन, मैला। रुध् (सक०) अवरुद्ध करना, रोकना, विरोध करना। क्रूर, निर्दय। विघ्न डालना, बाधा डालना। नीरस, सूखा, शुष्क। ०थामना, संधारण करना। रुक्षणं (नपुं०) [रुक्ष् ल्युट्] सुखाना, पतला करना। बांधना, बन्द करना। रुढ (भू०क०कृ०) [रुह्+क्त] ०अंकुरित, उगा हुआ, उपजा ०सीमित करना, घेरना। छिपाना, ओझल करना। विकसित, वृद्धि को प्राप्त। ०गुप्त करना। विस्तृत, विकीर्ण, बृहद्। आज्ञा मानना, स्वीकार करना। ०स्थूलकाय। नियंत्रण करना। विदित, ज्ञात। रुधिरं (नपुं०) [रुध्+किरच्] ०लहू, खून। ०व्यापक। मंगलग्रह। ०आरुढ़। (सम्य० १२६) रुरुः (पुं०) हरिण। मृग। शब्द रुढ़। रुवर्णाभावः (पुं०) 'रु' वर्ण का अभाव। (जयोवृ० ११/५२) । रुढिः (स्त्री०) [रुह+क्तिन्] ०परम्परा, प्रथा, रिवाज। रुश् (सक०) नष्ट करना, मारना, घायल करना। प्रसिद्धि, ख्याति। रुशत् (रुश्+शत्) घायल करने वाला, चोट पहुंचाने वाला, उगना, उपजना। नष्ट करने वाला। वृद्धि, विकास, वर्धन। रुष (अक०) रुषना, नाराज होना। प्रचलित अर्थ। ___०क्षुब्ध होना, रोष करना। (जयो० ७/८२) रुप (सक०) गढ़ना, बनाना। रुष्ट होना, क्रोधित होना। (सुद० १०८) विचार करना, निश्चित करना। रुष् (स्त्री०) क्रोध, कोप, गुस्सा, रोष। ०ढूंढना, खोजना, अन्वेषण करना। रुषा (स्त्री०) क्रोध, कोप, गुस्सा, रोष। (जयो० ३/५) परीक्षा करना, अनुसंधान करना। रुषाङ्कित (वि०) क्रोध से युक्त, रोष सहित। (जयो० २४/२८) | रुपं (नपु०) ०आकृति, शक्ल। हुआ। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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