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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सारग्रीवः ११८१ सार्तवादिन् सारग्रीवः (पुं०) शिव, शंकर। सारवती (स्त्री०) सार युक्ता। (जयो०वृ० ३/४, ११/९४) सारङ्ग (वि०) [सृ+अङ्कच्+अण] चितकबरा, रंग-बिरंगा। सारवाक् (नपुं०) मनोहरवचन, प्रियवचन। (जयो० १०/५७) सारङ्गगः (पुं०) ० कुरंग, हरिण, मृग। सारस (वि०) [सरस+इदम्+अण] सरोवर सम्बंधी। ० सिंह, हस्ति, भौंरा, कोयल। सारसः (पुं०) ० हंस, सारसी पक्षी। ० सारस, राजहंस। ० चन्द्र (जयो० ५/३४) ० मयूर। सारसम् (नपुं०) कमल। (जयो० २२/५२) (जयो० ८८१) ० छतरी, बादल मेघा सारसकेलि (स्त्री०) ० रसक्रीड़ा, सरसकेलि। (जयो०वृ० ० परिधान। २२/७१) ० शंख। ० कमल, ० सारस पक्षियों की क्रीड़ा। (जयो० २०/७१) ० कपूर, ० चंदन। सारसविसः (पुं०) कमल मृणाल। (जयो०६/२२) ० आभूषण, स्वर्ण। ० रजनी। सारसबन्धु (पुं०) सूर्य। (जयो० २२/१) सारङ्गिकः (पुं०) [सारङ्ग हन्ति ठक्] बहेलिया, चिडिमार। सा-रसाधिका (वि.) सा रसाधिका, प्रभतजलवती, अधिक सारङ्गी (स्त्री०) [सारङ्ग+ङीप्] एक वाद्ययन्त्र, सितार, वायलिन। जल वाली। ० चित्तीदार मृग। सारसाक्षि (नपुं०) कमले सारसे रूपके इवाक्षिणी-सुलोचना। सारजन्मन् (वि०) पवित्र जन्म वाला। (जयो० ) (जयो० ८/८१) सारण (वि०) [सृ+णिच्] भेजना, फैलाना, प्रसारित करना। सारसाधिका (वि०) सारस पक्षियों की शोभा वाली। (जयो० सारण: (पुं०) पेचिसा २०/४७) ० पेंबदी वेर। सारसालय (पुं०) कमल स्थान। सारसं पङ्कजे क्लीवमिति सारणम् (नपुं०) एक प्रकार का सुगन्धित द्रव्य। कोष। (जयो० ३/३०) सारणा (स्त्री०) [स+णिच्+युच्+टाप्] ० चेतना प्रवर्तना ० लक्ष्मीस्थान। (जैन०ल० ११५६) धातु प्रक्रिया, पारे आदि धातुओं की सारस्वतः (पुं०) लौकान्तिक देव विशेष। (जैन०ल० ११५६) प्रक्रिया। ० सारस्वत व्याकरण, एक जैनाचार्य विरचित व्याकरणसारणि/सारणी (स्त्री०) कुल्या, नहर, पनाला। अनुभूति स्वरूपाचार्य का उपकरण-६०० सूत्र। ० जलमार्ग। सारस्वत (वि०) सरस्वती से सम्बंध रखने वाला। 0 वाक्पटु, छोटी सरिता। विज्ञ, विद्वान्। सारण्डः (पुं०) [स+णिच्+अण्ड्] सांप का अण्डा। सारस्वतम् (नपुं०) भाषण, प्रवचन। सारतः (अव्य०) [सार-तसिल्] धन के अनुसार। सारायण (वि०) आदरणीय। (दयो० ४२) बलपूर्वक। सारालः (पुं०) [सार+आ+ला+क] तिल पादप। सारथिः (पुं०) रथवान्, साथी, सहायक। वाहक, रथाग्रणी। सारि: (स्त्री०) शतरंज की गोटी। (जयो०वृ० १३/५, १/१९) ० सामर्थवान्। ० सारिका पक्षी। सारथ्यम् (नपुं०) [सारथि+ष्यञ्] सारथी का पद, वाहक | सारिका (स्त्री०) [सरति गच्छति सृ+ण्वुल टाप् इत्वम्] मैना, नाम। सारिका पक्षी। सारमयी (वि०) श्रेष्ठतम्। (जयो० १६/१५) सारिणी (स्त्री०) कुल्या, नहर। (जयो० १७/११) सारमेयः (पुं०) [सरमा ढक्] श्वान, कुत्ता। विस्तारिणी। (जयो० ३/४१) सारमेया (स्त्री०) [सारमेय+ङीप्] कुतिया। सारिन् (वि०) [सृ+णिनि] जाने वाला, सहारा लेने वाला। सारयती (वि०) प्रसारितवती, प्रसार करने वाली। (जयो० ६/२०) | सारूप्य (वि०) सादृश्य रूप वाला, समानता युक्त। सारल्य (वि०) [सरल+ष्यञ्] सीधापन, सरलता। सार्गल (वि०) [सह अर्गलेन] रोका हुआ, अवरुद्ध। सारवत् (वि०) [सार+मतुप्] तत्त्वमुक्त, रस सहित, भाव युक्त। | सार्तवादिन् (वि०) सज्जाति का कथन करने वाले। (हित २८) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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