SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 319
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सव्यपार ११७२ सहजप्रयातः सव्यपार (वि०) [व्यापारेण सह] व्यस्त, व्यापृत, कार्य में नियुक्त। सवीड (वि०) [वीडया सह] लज्जाशील। सव्येष्ठ (पुं०) [सव्ये तिष्ठति-सव्ये स्था+वरन्] सारथि। सशक्त (वि०) ताकतवर, सामर्थ्य युक्त। (भक्ति०पृ० १०) सशर्म (वि०) शान्ति सहित। (जयो०२३/५०) सशल्य (वि.) [सह शल्येन] कांटेदार, शल्य युक्त, पीड़ा जनक। सशस्य (वि.) [सह शस्येन] अन्नोत्पादन सहित, धान्य से | ___ परिपूर्ण सशीकर (वि०) जलकण युक्त। (भक्ति० १४) सशमश्रु (वि०) [सह श्मश्रुणा] दाड़ी मूंछ वाला। सश्रीक (वि०) [श्रिया सह] लक्ष्मी सहित, समृद्धियुक्त। प्रिय, सुंदर। सशुद्ध (वि०) शुद्धोपयोग युक्त। (सम्य० ११५) सस् (अक०) सोना, शयन करना। ससत्त्व (वि.) [सह सत्त्वेन] ओजस्वी, शक्तिशाली, प्राणवंत, साहसी। ससन्देह (वि०) [सह सन्देहेन] संदेह युक्त, संशय युक्त, संदिग्ध। ससन्देहः (पुं) संदेह अलंकार। ससनम् (नपुं०) [सस्+ल्युट्] शमन। ससन्थ्य (वि०) [सन्ध्या सह] सन्ध्या सहित, सायंकालीन। ससार (वि०) सारभूत। (जयो० २८/७१) सारेण सहित। (जयो० ५/१६) ससित (वि०) सितया सहितं ससितः मिश्री युक्त। (जयो० २/१५२) सस्पृहा (स्त्री०) साभिलाषा, इच्छा, वाञ्छा। (जयो०वृ० । ३/४६,११) सस्पन्दनभावः (पुं०) स्फुरभाव। (जयो० १८/६) सस्मित (वि०) मन्द हास्य युक्त। (वीरो० ७/३६) ससुतः (वि०) पुत्र सहित। (सुद० ३/१२) संस्तवः (पुं०) स्तवन करना, रक्षण करना। (जयो० ३/७) • सस्मर (वि०) कामात, काम से पीड़िता (सुद. ८६) सस्यम् (वि०) अच्छे गुणों वाला। सस्वज (वि०) समालिविङ्गत । (जयो० १४/९१) सस्वेद (वि०) [सह स्वेदेन] पसीने से युक्त, स्वेद से तर। सह (सक०) संतुष्ट करना, झेलना। सहेरन् (सुद० २/४४) ० सहन करना। ० सामना करना। (जयो० १४८४) सह (वि.) [सह+अच्] सहन करने वाला, झेलनेवाला। ० धीर। ० योग्य। सह (अव्य०) के साथ, साथ साथ, सहित, युगपत। (सुद० ८८/ (जयो०वृ० १/१८) सहकारः (पुं०) सहयोग। (सुद० ८१) सहकार (पुं०) आम्र, (सुद०८१) आम्रवृक्ष (जयो० २२/४) (वीरो० ६/२१) आम्रस्य गुञ्जत्कलिकान्तरालेर्नीलीकमेतत्सहकारनाम्। सहकारगणः (पुं०) आम्रवृक्षा (वीरो० ६/३५) सहकारतरु (पुं०) आम्र किसलय। (जयो० १०/२६) सहकारिन् (वि०) सहायता करने वाला। (जयो० १४/६५) सहकारिता (वि०) सहयोगी। सहकारित्व (वि०) सहभाव, सहयोग। (जयो० वृ० ३/७०, जयो० १/२९) सहायता। सहकारिकुण्डः (पुं०) सहयोगी कुण्ड। (जयो० ११/३०) सहकारिसत्ता (स्त्री०) सहकारी पना, सहयोगपना, सहभाविता, सगभागिता। (जयो० ) सहकृत् (वि०) सहयोग देने वाला। सहकृत् (पुं०) सहकर्मी। सहगमनम् (नपुं०) साथ जाना। सहगामिन् (पुं०) अनुचर, सेवक। (भक्ति० २५) सहचर (वि०) साथ में जाने वाला, साथ रहने वाला। सहचरी (स्त्री०) सखी, सहेली (दयो० ६५) सहभागिनी सहयोगिनी। (जयो०१० ५/७३) भिण्डी का वृक्षा (जयो० २१/३९) सहचरित (वि०) सेवा में उपस्थित रहने वाला। सहचारिणी (स्त्री०) साथ चलने वाला। (सुद० २/३४) सहचारिन् (वि०) मित्र, यार। सहचेति (अव्य०) साथ ही। (वीरो० ७/३५) सहज (पुं०) नैसर्गिक, स्वाभाविक। (जयो० १/३) (सुद०८१) ० सरल (जयो० ४/३३) सहजक (वि०) स्वाभाविक, नैसर्गिक। (जयो० २/११२) सहजकवि (पुं०) सरल कवि, स्वाभाविक कवि। (सुद०७४) सहजक्रीर्तिमान् (वि०) यशस्वी। (जयो० २९/६७) सहजप्रयातः (पुं०) सहज स्वभाव। (वीरो० १९/३४) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy