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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सम्पत्तिशाली ११५९ सम्पल्लवत्व सम्पत्तिशाली (वि०) वैभव युक्त, श्रीपति (जयोवृ० १२/८६) | समोदन (वि०) मोद सहित। (जयो०३/६२) सम्यगोदन-भक्त हित, लाभ। सहित। सद्गुण वृद्धि। समोह (वि०) मोहसहित। (सुद० १२०) सम्पन्नता (वि०) पूर्णता। (भक्ति० २६) सम्पद् (सक०) प्राप्त होना। [सम्+पद्] 'फलं सम्पद्यते सम्पन्निसर्गः (पुं०) सम्पदा प्राप्ति। (भक्ति० २६) जन्तोर्निजोपार्जितकर्मणः' (सुद० १२५) (सम्य०८४) समेखला (स्त्री०) समस्थल। (सुद० २/५) सम्पद् (स्त्री०) [सम्+पद्+क्विप्] वैभव, धन, सम्पत्ति। (जयो० समुपस्थित (वि०) खड़ी हुई। (दयो० ७५) २१८५) गुणोत्कर्ष स्त्रियां सम्पद्गुणोत्कर्ष इति वि (जयो० सम्पत् (वि०) सुंदर/सुपरिणमन। (जयो० २/४९) २३/३७) सम्पर्कजात (वि०) सहयोग से उत्पन्न हुआ। (वीरो० २२/१५) समृद्धि, ऐश्वर्य। सम्पठित (वि०) पढ़ा गया। (वीरो० १३/३०) सौभाग्य, आनन्द। ०लाभ, हित, इष्ट। सम्पठ् (सक०) अच्छी तरह पढ़ना। (जयो० २/४५) सम्पदा (स्त्री०) सम्पत्ति, धन, वैभव। (वीरो० ७/१, सुद० सम्पत्तिकरिन् (वि०) सम्पत्ति को करने वाली। महीपतेर्धाम्नि ४/१४) निजेङ्कितेन सुरीति सम्पत्तिकरी हि तेन। (वीरो० ३/२४) ध्यानाख्या निधिरेष एवं हि भवेद् हेतुश्चितः सम्पदाम् सम्पदादरकारिणी (स्त्री०) सम्पत्ति का आदर करने वाली। (मुनि० २१) (जयो० ३/११) सम्पदास्पद (वि०) समीचीन वाक्य समूह। (जयो० २/४२) सम्पदि (अव्य०) अब, बस, इस समय। सभवित्री समाहाहो सम्पदिन् (वि०) सम्पत्ति शाली। (जयो० ९/४३) विपदाप्ताऽपि सम्पदि (सुद० १०३) सम्पन्न (भू०क०कृ०) [सम्+पद्+क्त] ०वैभव युक्त, ऐश्वर्यवान्, सम्पादयितुम् (हेत्वर्थ कृदन्त) सम्पादन करने के लिए। धनाढ्य। (हित०६) ० भाग्यशाली, सफल, प्रसन्न। सम्प्रथित (वि०) सम्पादित। (जयो० वृ० १/१०) पूरा किया गया, निष्पन्न, पूर्ण। (सम्य० १४२) सम्दृश (वि०) संपश्य, अच्छी तरह से देखने वाला। परिपक्व, पूर्ण विकसित। (सम्य० १३८) ०सहित, युक्त। सम्पत्तियुग्म (वि०) सम्पत्ति युक्त। (सुद० १११) सम्परायः (पुं०) [सम्प रा+इ+अच्] ०पराजय ०संघर्ष, मुठभेड़। वैभव युक्त, धन संपन्न। संग्राम, युद्ध। ०भाग्यशाली। ०पराभव, जीव परिभ्रमण स्थान। समद्धिः (स्त्री०) [सम ऋध क्तिन] वद्धि. सम्पन्नता। संकट, दुर्भाग्य। सम्पत्ति, वैभव, धनसम्पन्नता। भविष्य। हर्ष सम्पत्ति (जयो०वृ० ११/५३) सम्परायकम् (नपुं०) संग्राम, युद्ध। शक्ति, बल, सर्वोपरिता। सम्परायत्व (वि०) सूक्ष्म सम्पराय नामक दशम गुणस्थान समेत् (सक०) धारण करना, स्वीकार करना, लेना। वाला। (जयो० २०/१८) समेत (भू०क०कृ०) [सम्+आ+इ+क्त] आंगत (जयो० १/८४) सम्पर्कः (पुं०) [सम्+पृच्+घब] मेल, मिलन, मिलाप। संयुक्त, सहित। (मुनि० ६) ०एकत्रित। (भक्ति० ४४) ०मैथुन, संभोग, संसर्ग, ग्रहण। (जयो०१२/६२) समेतान्वित (वि०) सहित। आर्यात्वं समेति पण्यललना दासी शीलन। (समु० १/२६) समेतान्वितः (सु० १३३) सम्पल्लव (वि०) अच्छे-अच्छे पत्रों वाला। (दयो० ७०) सम्पल्लवत्व (वि०) उत्तम हरे-भरे पत्तों से युक्त। समेत्य (सं०कृ०) छोड़कर (सुद० १/२७) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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