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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शक्यार्थ १०४६ योग्य, समर्थ। (जयो० २/१६) अभिहित, प्रतिपादित। शक्यार्थ (वि०) अभिहितार्थ। शक्रः (पुं०) [शक्+इक्] इन्द्र, पुरिन्दर। (जयो०वृ० ३/२९) अर्जुन तरु। कुटल वृक्षा ०उल्लू। ज्येष्ठा नक्षत्र। शक्रगोपः (पुं०) इन्द्रगोप, एक तरल क्रीड़ा। शक्रचापः (पुं०) इन्द्रधनुष। (जयो० ५/६५) शक्रजातः (पुं०) काक, कौवा। शक्रजित् (पुं०) मेघनाद। शक्रद्रुमः (पुं०) देवदारु का वृक्षा शक्रधनुष् (पुं०) शक्र की पताका, इन्द्र पताका। शक्रपदं (नपुं०) इन्द्रपद। शक्रपर्यायः (पुं०) कुटज वृक्ष। शक्रपादपः (पुं०) कुटज वृक्षा ०देवदारु का वृक्षा शक्रपुरं (नपु०) इन्द्र की नगरी। (समु०६/१) शक्रप्रस्थः (पुं०) इन्द्रप्रस्थ। शक्रभवनं (नपुं०) स्वर्ग, इन्द्रलोक। शक्रभुवनं (नपुं०) इन्द्रलोक। शक्रभिद् (पुं०) मेघनाद। शक्रलोकः (पुं०) इन्द्रलोक। ०शक्रभुवन। शक्रवासः (पुं०) स्वर्गपुरी। शक्रवाहनं (नपुं०) मेघ, बादल। शक्रशाखिन् (पुं०) कुटज तरु। शक्रसारथिः (पुं०) इन्द्र का यान चालक। शक्रसुतः (पुं०) जयन्त। अर्जुन। ०बालि। शक्राणी (स्त्री०) [शक्र ङीष्-आनुक्] शचि, इन्द्राणी, इन्द्र की भार्या। शक्रि (पुं०) मेघ, बादल। ०वज्र। हस्ति, हाथी। पर्वत। शङ्क (अक०) संदेह होना, शंका होना, संकोच होना. संदिग्ध होना। (शङ्कयन्ते (सुद० ९५) ०डरना, भय होना, त्रस्त होना। शङ्कयते हृदि (दयो०१०२) ०सोचना, विश्वास करना, उत्प्रेक्षा करना। कल्पना करना, आक्षेप करना। शङ्कः (पुं०) [शङ्क+अच] कर्षक बैल, कठोर वृषभ। शङ्कर (वि०) [शं सुखं करोति] आनन्ददायक, सुख दायक। ०मङ्गलमय, आनन्दमय। ०शुभसूचका शङ्करः (पुं०) महादेव, शिव, ऋषभदेव। ०शङ्कराचार्य। शङ्करी (स्त्री०) पार्वती, गौरी, शिवा। शङ्का (स्त्री०) [शङ्क+अ+टाप्] आशंका, अविश्वास। (सुद० २/१४) ०कण्टक, काटा। (जयो०वृ० १/८९) आतंक, भय, डर। (सुद० १/६) संदेह, दुविधा। शङ्काकारिन् (वि०) अविश्वास करने वाला। शागत (वि०) आतंक को प्राप्त हुआ, भययुक्त। शङ्काचर (वि०) दुविधाशील। शङ्काजात (वि०) आशंका को प्राप्त हुआ। शङ्कधर (वि०) संदेह धारक। शङ्काभावः (पुं०) भय-भाव। शङ्कामतिः (स्त्री०) आतंकित बुद्धि। शङ्कारहित (वि०) आंशका से मुक्त। (जयो० १३/४८) निर्भय। शङ्काशील (वि०) आशंका युक्त। शङ्काकृत (वि०) डर से युक्त। शङ्कित (भू०क०कृ०) [शङ्क्+क्त] सन्दिग्ध, संशय युक्त, अविश्वासपूर्ण। ०भ्रान्त, विभ्रम युक्त, भययुक्त। (मुनि० ११) आतंकिता शतिचित्त (वि०) भीरु. डरपोक, भयाक्रान्त, शंका से युक्त हृदय वाला, शंकाकुल। शडिन् (वि.) [शङ्का+इनि] संदेह करने वाला, अविश्वास करने वाला, शंकाशील। (जयो० २/५७) शङ्कः (स्त्री० [शङ्क्+उण्] कांटा, बर्ची, त्रिशूल। शल्य। (जयो० ४/१३) कील। (जयो०१३/६७) ०खूटा, खम्भा, स्तम्भ For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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