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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विलीन ९९७ विलोभनं विलीन (भूक००) विलिप्त, अनुषक्त, लिपटा हुआ, | विलोकनं (नपुं०) देखना, अवलोकन करना। चिपकने वाला। * ढूंढना, खोजना-'मम सहचरी यस्यै वर* संसक्त, लीन, मिला हुआ। विलोकनोत्कण्ठाम्' (दयो० ६५) * अन्तर्हित, विनष्ट, ओझल, समाप्त। * दर्शन। (जयो०वृ० १/१०६) विलुंच (सक०) लोंच करना, उखाड़ना। * दृष्टि, निरीक्षण। (जयो० ११/३) विलुंचनं (नपुं०) [वि+लुच्+ल्युट्] * उखाड़ना, लोंच करना। विलोकनीय (वि०) [विलोक्+अनीयर] * दर्शनीय, निरीक्षण विलुंठनं (नपुं०) [वि+लुंठ ल्युट] लूटना, डाका डालना, ठगना। योग्य, देखने योग्य। (जयो० १२/४५) विलुप्त (भू०क०कृ०) [वि+लुप्+क्त] * नष्ट, समाप्त। विलोकयत् देखता हुआ, निरीक्षण करता हुआ। * फाड़ा गया, तोड़ा गया। विलोकयल्लोकपतिः (वि०) लोकपति को देखने वाला। * पकड़ा गया। 'लोकपति नरशिरोमणिं मुनिं विलोकयन् सस्नेहं पश्यन्' विलुम्प (अक०) विलुप्त होना, नष्ट होना। (जयो०वृ० १/८३) विलुम्पकः (पुं०) चोर, डाकू। विलोकित (वि०) निरीक्षित, दृष्टिगत हुआ। विलोक्य (सं००) देखकर, अवलोकन करके, निरीक्षण * अपहर्ता, लुटेरा। करके। (जयो०, सुद० १०८) विलुम्पन्त (वि-लुप्+शतृ) ओझल होता हुआ, नष्ट होता विलोचनं (नपुं०) [वि+लोच् ल्युट्] नेत्र, नयन, अक्षि। हुआ। 'वृषं विलुम्पन्तमहो सनातन यथात्म विष्वकृतनुभृन्नि विलोचनाम्बु (नपुं०) अश्रु, आंसू। मालनम्' (वीरो० ९/१) विलोडनं (नपुं०) [वि+लोड् ल्युट्] * मंथन, बिलौना, मथना। विलुलित (भू०क००) [वि+लुल्+क्त] * लुढ़का हुआ। (जयो० २३/८५) __* अस्थिर हुआ, हिला हुआ। * विक्षुब्ध होना, झूलना। * क्रमरहित, क्रमशून्य। विलोडित (भू०क०कृ०) [वि+लोड्+क्त] * मथित, बिलोया विलून (भू०क००) [वि+लू+क्त] कटा हुआ, चीरा हुआ। हुआ, मथा हुआ। * छिन्न। (जयो० ८/५१) * हिलाया हुआ। विलेखनं (नपुं०) [वि+लिख्+णिच् ल्युट्] * गोदना, लिखना। विलोपः (पुं०) [विलुप्+घञ्] * लोप, हानि, क्षति, * खोदना। विनाशघात। (सुद० १०२) * खुरचना, कुदेरना। * पकड़ना, लूटना, अपहरण करना। * उखाड़ना। * अदर्शन। विलेपः (पुं०) [वि+लिप्+घञ्] विलोपन (नपुं०) [वि+लुप्+ल्युट] * लोप, हानि, विनाश, क्षति। * उबटन, मल्हम। * नष्ट करन, क्षति करना। * लिपाई, पुताई। * अपहरण। विलेपनं (नपुं०) [वि+लिप्+ल्युट्] * लींपना, पोतना। विलोपिन् (वि०) नाश करने वाला, क्षति पहुंचाने वाला। * उबटन लगाना। (समु० ६/३२) * सुगन्धित पदार्थ रगड़ना। घिसे गए सुगन्धित पदार्थ का विलोभः (पुं०) [वि+लुभ्+घञ्] * प्रलोभन, लुभाना, आकर्षित लेप। करना। विलेपनी (स्त्री०) [विलेपन+ङीप्] उपटन युक्त स्त्री, अलंकृत * अपनी ओर खींचना, आकृष्ट करना। स्त्री। * सुवेशा, सुंदरी। विलोभनं (नपुं०) [वि+लुभ्+णिच् ल्युट] * लुभाना, आकर्षित विलेपिका (स्त्री०) चांवल का मांड। विलेप्यशङ्का (स्त्री०) चित्रोल्लिखित की शङ्का। (वीरो० २/१३) * ललचाना, आकृष्ट करना। विलोक् (सक०) * देखना, अवलोकन करना। * प्रलोभन। * निहारना, परखना, दृष्टि डालना। * खुशामद, प्रशंसा। करना। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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