SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 143
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विलम्बनं ९९६ विलिप्त * देरी, विलम्ब करना-भूरास्तामिह जातुचिदहो सुंदल न विलम्बस्य' (सुद० ९४) नृराडास्तां विलम्बेन भुवि लम्बेन कर्मणा। (सुद० ७८) विलम्बनं (नपुं०) [वि+लम्ब्+ल्युट] * लटकना, झूलना। * देरी, विलम्ब करना। (जयो० ९) * लटकी हुई। (जयो० ५/१५) विलम्बिका (स्त्री०) कब्जी, कोष्ठबद्धता। विलम्बित (भ०क०क०) [विलम्ब णिनि] * नीचे लटकता हुआ, झूलता हुआ। * देरी करने वाला, टालमटोल करने वाला। विलम्भः (पुं०) [वि+लभ्+घञ्] उदारता, भेंट, उपहार, पुरस्कार। विलयः (पुं०) [वि+ली+अच] विघटन। * पिघलना। * विनाश, मृत्यु, अन्त। * नष्ट। (मुनि० १४) विलीन। विलयनं (नपुं०) [वि+ली+ल्युट] * प्रलय, विनाश। * पिघलना, क्षीण होना। * विघटन, विनाशा विलयाह्वय (वि०) * पक्षियों को सुरक्षा प्रदान करने वाला। 'वीना-पक्षीणां लयाह्वयं गुप्तिकारकम्' (जयो०वृ० १५/९) कालं समयं विलोक्य (जयो०वृ० १५/९) विलब्धपूर्णा (वि०) विपरीतता को धारण करने वाला। (वीरो० १४/३०) विलस (अक०) चमकता होना, कोंधना, लहराना, उज्ज्वल होना। (सुद० ८४ विलसतु। (विलसत् (जयो० ३/१७) विलसत् (स्त्री०) चमकना, उज्ज्वल, प्रभा, सुंदर, प्रिय। (सुद०३/३) विसलत्तनु (पुं०) शोभायमान शरीर, सुंदर देह। अवालभावतो जङ्ग्रे सुवृत्ते, विलसत्तनोः' (जयो० ३/४६) 'विलसत्तनोः सुंदरशरीरायाः'। विलसत्तमालः (पुं०) सुंदर तमाल तरु। (सुद० १३६) । विलसन (नपुं०) [वि+लस्+ल्युट] चमकना, सुंदर, सुभग, प्रिय। * मनोज्ञ। * सुशोभित, प्रभायुक्ता * जगमगाना, क्रीड़ा करना। विलसित (भू०क०कृ०) [वि+लस्+क्त] * चमकता हुआ, सुशोभित। * प्रकटीकृत, प्रकट हुआ। * क्रीड़ाप्रिय, स्वेच्छाचारी। विलसितं (नपुं०) विलास, लीला, क्रीड़ा। * चमक, प्रभा। विलाप (सक०) तपाना, बिलौना। (जयो०१० २/१४) विलापः (वि.) [विलिप्+घञ्] * रोना, क्रंदन, रुदन, कराहना। विलापी (वि०) रुदन करने वाला। विलालः (पुं०) [वि+लल्+घञ्] विलाव, * उपकरण, यन्त्र। विलासः (पुं०) [वि+लस+घञ] नेत्रविभ्रम (जयो० ३/५८) * लीला, क्रीड़ा, खेला * ललित, अनुराग, कामुकता। (जयो० १/१४) * लालित्य, सौंदर्य, चारुता। लावण्य। (सुद० २।८) * आसक्ति। (जयो०२/७१) * मनोविनोद, मनोरंजन। * अभिनय। (जयो० ११/८४) विलासगति (स्त्री०) लीला का संचालन। विलासगेहं (नपुं०) रतिगृह, कामक्रीड़ा स्थल। विलास-तत्परः (पुं०) विषय में संलग्न। (जयो० २/२०) विलासनं (नपुं०) [विलास+णिच+ल्युट] * क्रीड़ा, मनोरंजन, मनोविनोद। * आसक्ति, वासना, कामना। * कामुकता। विलासनीतिः (स्त्री०) कामप्रवृत्ति। विलासवासिन् (वि०) आरम्भ परिग्रहासक्त। (जयो० २/७१) विलासविभ्रमः (पुं०) काम-विभ्रम। (जयो० ३/३) विलासिन् (वि.) कामासक्त हुआ, विलासशाली। (जयो०३/१३) विलासिनी (स्त्री०) पण्यस्त्री, वेश्या। (जयो० १५/५३) * वरवर्णिनी। (जयो० ९/७८) विलासिनी-नीतिः (स्त्री०) कुटल स्त्री की प्रवृत्ति। विलासिभ्यो विलासिनीनां वा नीतिः प्रवृत्तिः' (जयो० १५/८) विलिखु (सक०) लिखना, कुदेरना, गूंदना। विलिखनं (नपुं०) [वि+लिख्+ल्युट्] लिखना, कुदेरना, खुरचना। विलिप् (सक०) लींपना, साफ करना। विलिप्त (भू०क००) [वि+लिए+क्त] संसक्त, लिपटे हुए, सने हुए (जयो० १२/७६) लीपा हुआ, चुपड़ा हुआ, पोता हुआ। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy