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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचारक ९६७ विचित्रदेह विचारक (वि०) चिन्तनशील। मनन युक्त (जयो० २१/१९) विचारकर्ता देखो ऊपर। विचारकारिन् (वि०) विचारशील। (जयो० १२/५, दयो०३८) विचारचतुरः (पुं०) चिन्तनशील। (हित० ) विचारजात (वि०) चिन्तन को प्राप्त हुआ। (सुद० १०७) विचारजाते स्विदनेक रूप, जनेषु वा रोषमितेऽपि भूपे। (सुद० १०७) विचारज्ञ (वि०) निर्णायक, निश्चय करने योग्य। विचारणं (नपुं०) [वि+च+णिच्+ल्युट्] चिन्तन, निरूपण, परीक्षा। समीक्षा, पर्यालोचन, अन्वेषण। सन्देह, संकोच। विचारणा (स्त्री०) [वि+च+णिच्युच्+टाप्] * परीक्षण, पर्यालोचन, अन्वेषण। (दयो० ७१) पुनर्विचार, चिन्तन-मनन, अनुचिन्तन। (जयो० १३/४३) ०अनुशीलन। विचारणीय (वि०) चिन्तनीय। (हित० १६) विचारतत्त्वं (नपुं०) निर्णयात्मक तत्त्व। विचारदेहिन (वि०) विचारशील। विचारदृष्ट (वि०) पूर्वा पर विचार दृष्टि। (जयो० २३/३) विचारधारा (स्त्री०) चर्चा, चिन्तन की परम्परा, (जयो०वृ० १/२३) तत्त्वनिर्णय का विवेचन। (सुद० १०७) विचारपद्धतिः (स्त्री०) चिन्तन की परम्परा, समीक्षण धारा, निर्णय का रीति। विचारभाज (वि०) विचारशील। (सुद० १२९) विचाररहित (वि०) विचारहीन। (सुद० ११२) विचारय (वि०) सोचने वाला। (जयो० २/१४२) विचारयामास (वि०) मानने वाला। (जयो० १/२१) विचारहीन (वि०) चिन्तन रहित। (सुद० १०१) विचारिणा (स्त्री०) मनस्विना। (जयो० १०/७३) विचारभावः (पुं०) चिन्तन भाव। विचारलोपिन विचारलोपी (वि०) चिन्तन को क्षीण करने वाला। पक्षियों के ___संचार का लोप वाला। (वीरो० ९/३५) विचारवान् (वि०) चिन्तनयुक्त। (सुद० २/२) विचारवृद्धि (स्त्री०) चयन में वृद्धि। सोच का विकास। (वीरो० १२१) विचारवतं (वि०) विचारशील। (समु० ८/३४) विचारशील (वि०) चिन्तन युक्त। (जयो० ४/२५) विचारसारः (पुं०) तत्त्ववधान। (जयो० ४/६२) विचारस्थल (नपुं०) मनन का स्थान। विचाराधीनः (पुं०) विचारने योग्य। (सुद० ८२) विचारित (वि०) चिन्तन योग्य, सोचा गया। निश्चित, निर्धारित। परीक्षित। विचारितवती (स्त्री०) सोचने वाली स्त्री। (दयो० ५४) विचार्य (वि०) विचारने योग्य। (सुद० १५) (सम्य०६८) विचिः (स्त्री०/पुं०) [विच्+इन्] ०लहर, तरंग। विचारहारः (पुं०) हृदयालङ्कार। (दयो० १४८६) विचाला (वि०) विचार वाली। (दयो० ११२) विचिकित्सा (स्त्री०) रुचि न रखना। ० मति विभ्रम, संदेह। निन्दा, ग्लानि। भूल, विभ्रम। विचित्पणं (वि०) मूल्य रहित। पणं मूल्यं विगत। (जयो० १०/६५) विचित (भू०क०कृ०) [वि+चि+क्त] ०खोजा, अन्वेषित। विचितिः (स्त्री०) [वि+चिक्तिन्] ०अन्वेषण, अनुसंधान, परिशोधन। ०खोज, ढूंढना, तलाश करना। विचित्र (वि०) [विशेषेण चित्रम्] विविध प्रकार, बहुविध। (जयो० ३/८०) नाना प्रकार, अनेक प्रकार का। आश्चर्य जन्य, विश्मयकारी। चमत्कार कारक। (जयो० १/१४) (भक्ति० १०) रंगलिप्त, अनुरक्त। सुंदर, रमणीय, मनोहर। (जयो० २/१५७) विचित्रं (नपुं०) आश्चर्य, विश्मय। विचित्रकः (पुं०) [विचित्र कन्] भोजपत्र तरु। विचित्रकं (नपुं०) आश्चर्य, विश्मय। विचित्रगात्रं (नपुं०) विश्मय युक्त शरीर। मनोहर देह, सुंदर शरीर। विचित्रजन्मन् (नपुं०) विविध जन्म। विविध गति, नाना उत्पत्ति। विचित्रजाति (स्त्री०) नाना प्रकार की उत्पत्ति। विचित्रदेहं (नपुं०) सुंदर शरीर। नापिन For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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