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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रहरः ७३१ प्रहीण ०पीछे ढकेला हुआ, फुलाया हुआ, सटा हुआ। प्रहस्तः (पुं०) [प्रततः प्रसृतो हस्तः] ०खुला हुआ हाथ, ०घिसा-पिटा, गतानुगतिक। थप्पड़, हथेली। निष्पन्न, विद्वान्। रावण के एक सेनापति का नाम। प्रहरः (पुं०) [प्र+ह+ल्युट्] ०प्रहार करना, मारना, आक्रमण प्रहाणं (नपुं०) [प्र+हा+ल्युट्] ०छोड़ना, त्यागना, भूल जाना। करना। निवारण, रोकना। घायल करना, धावा बोलना। प्रहाणय (वि०) अपराध रोकने वाला। गलेऽथ लेखात्रितयेण ०हटाना, बाहर निकालना। चागः प्रहाणये किन्नु कृतो विभागः। (जयो० ११/४८) संग्राम, युद्ध, लड़ाई। 'प्रहाणय-पारम्परिक-कलह-निवारणीय। (जयो०० प्रहरणार्थ (वि०) मारने के लिए। (जयो० ८९) ११/४८) प्रहरणीयं (नपुं०) [प्र+ह+अनीयर] अस्त्र, शस्त्र, मारने योग्य। | प्रहाणिः (स्त्री०) [प्र+हा+नि+णत्वम्] ०छोड़ना, त्यागना, (दयो०६०) परित्याग करना। प्रहरिन् (पुं०) [प्रहर+इनि] रखवाला, पहरेदार, घंटी वाला। ०कमी, अभाव, शीघ्र हानि। (जयो० १८/३७) प्रहत (वि०) [प्र+ह+तृच्] प्रहार करने वाला, पीटने वाला, प्रहारः (पुं०) [प्र+ह+घञ्] आघात, चोर, मुक्का , घात, हमला करने वाला। ठोकर। (जयो०८/२६) लड़ने वाला, योद्धा, संयोधी। ०मारना, पीटना, चोट पहुंचाना। निशानेबाज, तीरंजदाज धनुर्धर। कृतान् प्रहारान्, समुदीक्ष्य, हारायितप्रकारांस्तु विचारधारा। प्रहर्ष (पुं०) [प्र. हृष्+घञ्] ०अत्यानन्द, अधिक हर्ष, बहुत (सुद० १०७) 'हारे प्रहारेऽपि समानबुद्धिमुपैति' (सुद०११७) खुशी। प्रहारणं (नपुं०) [प्र+ह+णिच्+ल्युट्] उचित भेंट, सम्मानजनक उल्लास, उमंग। उपहार। प्रहर्षणं (नपुं०) [प्र+हष्+ल्युट्] उल्लसित करना, हर्षित प्रहासः (पुं०) [प्र+हस्। घञ्] ०अट्टहास, मजाक, हंसी, करना, आनन्दित करना। ठिठोली। प्रहर्षणः (पुं०) बुध ग्रह। ०व्यंग्योक्ति, व्यंग्य। प्रहर्षणी (स्त्री०) [प्र+हरु+णिच्+ङीप्] ०हल्दी। नर्तक, नाट, पात्र। छन्द विशेष। ०दर्शन, दिखावा। प्रहषिक (वि०) [प्र+हष्+कन्+इत्वम्] हर्षकी, आनन्द प्रदान | प्रहासिन् (पुं०) [प्र+हस्+णिच्+णिनि] विदूषक, हंसी मजाक करने वाली। 'मादृशा दृशा प्रहर्षिके' (जयो० ५/१०६) करने वाला मसखरा। प्रहसनं (नपुं०) [प्र+हस्+ल्युट्] हसनशील, अट्टहास। । प्रहिः (स्त्री०) [प्र+हि+क्विप्] कूप, कुंआ। (जयोवृ० १७/३७) खिल खिलाकर हंसना। प्रहित (भू०क०कृ०) [प्र+धा+क्त] ०रक्खा हुआ, प्रस्तुत ठिठोली, स्वांग, तमाशा। किया हुआ। ०व्यंगलेख, व्यंग। ०बढ़ाया, फैलाया हुआ। सुखान्त नाटक। प्रेषित, भेजा हुआ, निर्देशित। नाटक का एक भेद। निशाना लगाया हुआ। प्रहसन्ती (स्त्री०) [प्र+हस्+शतृ ङीप्] ०चमेली, जूही, यूथिका, समुचित, उपयुक्त। वासन्ती। प्रहितं (नपुं०) चाट, चटनी। ०अंगीठी, चूल्हा। प्रहीण (भू०क०कृ०) [प्र+हा+क्त] नीचकुल, निम्न कुल। प्रहसित (भू०क०कृ०) [प्र+हस्+क्त] ०हंसता हुआ, अट्टाहास (दयो० २/१) करता हुआ। रहित, विनाश, अभाव। (जयो० १९/६६) प्रहसितं (नपुं०) [प्र+हस्+क्त ल्युट्] हंसी, हास्य। त्यागा गया, छोड़ा गया। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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