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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दाहिने ८६७ दिखाना दाहिने-क्रि० वि० दे० (हि० दाहिना ) | दिशा का स्वामी या पति, २४ मात्राथों दाहिने हाथ की भोर, पक्ष में । " जे बिन | का एक छन्द। दिकपाल, दिगपाल (दे०)। काज दाहिने-बायें "-रामा० । | दिकशूल-दिग्शूल-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) दाही--वि० ( सं० दाहिन् ) भस्म करने या कालवास, (ज्यो०)। जलाने वाला। स्त्री० दाहिनी । " भवतिच | दिक्साधन, दिग्साधन-संज्ञा, पु. यौ० उरदाही....."। (सं०) दिशाओं के ज्ञान की रीति या विधि। दाह्य-वि० (सं०) जलाने या फूंकने योग्य । दिकसुन्दरी-दिगसुन्दरी - संज्ञा, स्त्री० यौ० दिंडी-संज्ञा, पु० (सं०) एक छंद। (सं०) दिक्कन्या. दिगंगना। दिअली-दिवाली-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० | दिखना--अ० क्रि० दे० ( देखना ) दिखाई दिया का स्त्री० या अल्पा० ) बहुत छोटा देना, देखने में आना, दीखना । दीपक या दिया, दिलिया (ग्रा० )। दिखराना-दिखरावना --स० क्रि० दे० दिया-दीया-संज्ञा, पु० दे० (सं० दीपक ) ( हि० दिखलाना ) दिखाना, किसी को दीपक, दिअना। "मैं कह दीया उसका देखने में लगाना । " दिखरावा मातहिं निज "--रामा० । नाम"-खु०। दिखरावनी*--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दिवाना-स० कि० दे० (हि. दिलाना )। ") | दिखलाना ) दिखाने का भाव या कर्म । दिलाना, दिवाना। दिखलवाई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दिखदिउली-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दिअली) __ लाना ) दिखलाई, दिखलाने की मज़दूरी। सूखे घाव की पपड़ी, छोटा दिया । दिलिया | दिखलवाना-स. क्रि० दे० हि० दिखलाना ( ग्रा० ) मछली के शरीर का छिलका, भुने । का प्रे० रूप ) दिखलाने का काम दूसरे से चनों की दाल । कराना! दिक-संज्ञा, स्त्री० (सं०) दिशा, तरफ, श्रोर। दिखलाई-संज्ञा, स्त्री० (हि० दिखलाना ) दिक-वि० (अ०) कष्ट पाया हुआ, तंग, दिखलाने का भाव या काम या मज़दूरी। हैरान, परेशान, व्याकुल, दुखी। संज्ञा, पु. दिखलाना-स० कि० (हि० देखना का प्रे० (उ०) क्षयी रोग, तपेदिक । रूप ) दिखाना, जताना, दूसरे को देखने में दिकदाह-संज्ञा, पु. यो. (सं० दिग्दाह) लगाना, ज्ञात या अनुभव करना। सूर्य के अस्त होने पर दिशाओं का लाल दिखसाध- संज्ञा, स्त्री० यौ० (हि. देखना और जलता सा दीखना। +साध ) देखने की इच्छा। दिक्क-- वि०, संज्ञा, पु० दे० (अ० दिक ) तंग, दिखहार -संज्ञा, पु० दे० (हि० देखना परेशान, हैरान, दुखी, बीमार । अ० कि. +हार-प्रत्य० ) देखने हारा, देखने वाला, (दे०) दिकियाना। दिखैया, देखनहार। दिक्कत-संज्ञा, स्त्री० (अ.) परेशानी, हैरानी, दिखाई-सज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दिखाना--- बीमारी, तंगी। भाई-प्रत्य० ) देखने दिखाने का कार्य । दिककन्या-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) दिशा- दिखाऊो-वि० दे० ( हि० देखना+पाऊ रूपी कन्या। " दिक्कन्या नामव्यजनपवन- प्रत्य० ) दर्शनीय, देखने योग्य, बनावटी, वीज्यमानोनुकूलै ।" दिखौवा (ग्रा० ) देखाऊ। दिक्करी-संज्ञा, पु० यौ० (सं० दिग्गज) दिखादिखी-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि. दिशाओं के हाथी, दिक्कार। देखादेखी ) देखादेखी, अनुकरण, नक़ल । दिकांता-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) दिक्कन्या । दिखाना-स. क्रि० दे० ( हि० दिखलाना) दिक्पाल, दिग्पाल-संज्ञा, पु० यौ० (सं०)। दिखलाना, देखाना ( ग्रा० )। भा० श० को-११३ For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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