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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हथियार। दालचीनी ८९५ दाशरथ-दाशरथि दिखाई देना । यौ० दाल-रोरी-सामान्य दाव-संज्ञा, पु० (सं०)जंगल, वन, दावानल, या सादा भोजन या खाना । जूतियों अग्नि, ताप । " वनश्च वन-वन्हिश्च दव दाव दाल बाँटना-बड़ी भारी लड़ाई या फसाद इतीर्यते "-कोष० । संज्ञा, पु० (दे०) एक होना। दालचीनी-संज्ञा, स्त्री० (हि. दारचीनी) | दावत-संज्ञा, स्त्री. (अ. दप्रवत ) भोज, वारचीनी। ज्योनार, निमंत्रण, न्योता (दे०), भोजन दालमोठ-दालमोट-संज्ञा, स्त्री० या० (हि. को बुलाना । दाल-+- मोठ = एक कुअन्न) घी में तली दावन-संज्ञा, पु० दे० (सं० दमन ) दमन, मसालेदार दाल । - नाश, हँसिया, अनुपान ।। दालान-संज्ञा, पु. (फा०) श्रोसार, बरामदा।। दावना - स० कि० दे० ( सं० दमन ) दावना, दलिद्र-दलिदर-संज्ञा, पु० दे० (सं० दारिद्रय) | माँड़ना । स० क्रि० दे० (हि. दावन) दबाना, दारिद्रय, कंगाल, रंक, कंगाली, दरिद्रता, दमन करना। दरिद्र, दरिद्दर (दे०)। दावनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दामिनी ) दालिम-संज्ञा, पु० दे० (सं० दाडिम) अनार। बेंदी, भूषण, बिजली । दाव-संज्ञा, पु० दे० (सं० एकदा ) एक बार, | दावा-संज्ञा, पु. ( सं० दाव) दावानल, एक दफा, बारी, पारी, अवसर, मौका, अनु. दावाग्नि । संज्ञा, पु. (अ.) अपना हक़ किसी कूल समय, जुए में लगाया धन । मुहा० वस्तु पर प्रगट करना, हक, स्वस्व, स्वरव-प्राप्ति दाँघ करना-घात लगाना या घात में का निवेदन-पत्र, मुक़दमा, नालिश, अभिबैठामा । दांव लगाना-ौसर या मौका मिलना। दाय लगाना-जुए में धन योग, दृढ़ता, दृढ़ता से कहना। लगाना। दाव लेना-बदला लेना, काम दावागीर-संज्ञा, पु० यौ० (अ० दावा + गीर ठीक होने का उपाय या चाल, युक्ति। "कबहुँ फा०) दावा करने वाला, अपना स्वत्व या महारै खेल जो, खेलै दाँव बिचारि ". अधिकार जताने वाला । दावादार । "दुसमन बुं० । मुहा०-दाव पर चढ़ना-इस दावागीर होय ताकहँ फटकारै"-गि० । भाँति पराधीन होना कि दूसरा अपना कार्य | दावाग्नि-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं.) वन की निकाल ले । पेंच, चाल, छल, कुटिल नीति, आग, दावानल, वागी (दे०)। खेलने की बारी, प्रोसरी। मुहा०-दाव दावात-सज्ञा, स्त्री०(अ०) मसि-पात्र, दवाउत, पर रखना या लगाना-(जुए में) बाजी दवाइत, दवात, दुवाइत (ग्रा०)। बगाना । दाँघ पाना ( पड़ना )-जीति | दावादार-सज्ञा, पु० (अ० दावा+दार-फा०) का पाँसा पड़ जाना । मुहा०-दाव देना दावा करने या स्वत्व प्रगट करने वाला। -खेल में हारने की सज़ा भोगना । जगह, दावानल-सज्ञा, पु. यौ० (सं०) वन की स्थान, ठौर। भाग, दावाग्नि, दवागी (दे०)। दावना-स० क्रि० दे० ( सं० दामिनी ) दाव | दाविनी -सज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दामिनी) चलाना, अनाज माँड़ना। बिजली, विद्युत, बेंदी (भूषण)। दावनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दामिनी) दावी-सज्ञा, स्त्री० (दे०) प्रार्थना, नालिश । विन्दी, भूषण, बिजली। दाश-संज्ञा, पु० (सं०) केवट, मल्लाह, मछदावरी-सज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दाम ) रज्जु, _वाहा, मछुवा, धीवर । गेरी, रस्सी। दाशरथ-दाशरथि-संज्ञा, पु० (सं० दशरथ For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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