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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दाखिल-दफ्तर ८८६ दातव्य एक रजिस्टर जिसमें किसी का नाम लिखा दाजना --अ० क्रि० दे० (हि० दग्ध वा जाये और किसी का काट दिया जाये। दाहन) जलना, डाह या ईर्ष्या करना। दाखिल-दफ़्तर - वि० यौ० (फा०) किसी । दामन --संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दहन) जलन, काग़ज़ को बिना विचार किये दफ्तर में | दाह । रख छोड़ना। दामना-अ.क्रि० दे० (सं० दाहन) जलना, दाखला-संज्ञा, पु. (फ़ा०) पैठार, प्रवेश, | गर्म होना। नाम दर्ज करने का रजिस्टर । दाटना स० क्रि० (दे०) डपटना. मिडकना, दाग संज्ञा, पु० दे० (सं० दग्ध) दाह, मृतक- डाँटना, फटकारना । संस्कार, जलन, दाह, जलने का चिन्ह । दाड़क- संज्ञा, पु० दे० (सं० दंष्ट्रा ) दाद, मुहा०-दाग देना--मृतक-संस्कार करना, ! दाँत । मुर्दै को जलाना। दाड़स-संज्ञा, पु० (दे०) सर्प विशेष । दाग संज्ञा, पु. ( फा०) जलने श्रादि का | दाडिम - संज्ञा, पु० (सं०) अनार, बीज पूरक । चिन्ह, धब्बा, चितिया. चित्ती । यौ- "धोखे दाडिम के सुआ गयो नारियल सफ़ेद दाग-एक कुष्ट जिससे देश में खान"-गिर। सफ़ेद धब्बे पड़ जाते हैं जिसे फूल भी दाड़ो - संज्ञा, स्त्री० (दे०) अनार, बीजपूरक। कहते हैं. चिन्ह, अंक, कलंक, ऐब दोष, दाढ़-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० दंष्ट्रा ) मोटे या लांछन । वि. दागी, दगहिल (ग्रा.)। बड़े या पिछले दाँत, डाढ (ग्रा० )। संज्ञा, दागदार - वि० (फा०) जिसमें कोई दाग़ या खी० ( अनु० ) चिल्लाहट, दहाड़, गरज, धब्बा हो दागी। भीषण शब्द। मुहा०-दाद पार कर दागना-स० कि० दे० (हि. दाग ) किसी रोना-ज़ार से चिल्ला कर रोना । वस्तु को जलाना, भस्म या दग्ध करना. | दाढ़ना ----स० कि० दे० ( सं० दहन ) किसी गरम लोहे से किसी के किसी अंग पर चिन्ह वस्तु को आग में जलाना या भस्म करना, बनाने को जलाना, किसी धातु के साँचे डाहना, गरम या उष्ण या दुखी करना। या मुद्रा से जलाना, दवा से जलाना, ताप दाढ़ा--संज्ञा, पु० दे० ( सं० दंष्ट्रा ) पिछले बंदूक श्रादि को बत्ती देकर छुड़ाना। स० बड़े दांत, दाद। वि० (दे०) दग्ध, जला हुआ। क्रि० · फ़ा० दाग़ ) रंग से चिन्ह या धब्बे दाढ़ी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० दाढ़) मुख लगाना, लिखना, छापना। के दोनों ओर के बाल, ठोढ़ी चिबुक, दागबेल - संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (फा० दाग़ डाढ़ी (ग्रा.)। +बेल हि० ) सड़क बनाने या नींव खोदने | दाढ़ीजार संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि. दाढ़ी को कुदाल आदि से पृथ्वी पर बने चिन्ह । +जलना) जली दाढ़ी वाला, दहिजार, दागी - वि० दे० { फा० दाग) जिस वस्तु दहिसरा (प्रान्ती.) (स्त्रियों की गाली)। पर कोई धब्या चित्ती या दाग़ पड़ा हो या "बार बार कह्यो मैं पुकारि दादीजार सों" सड़ने का निशान हो, लांछित कलंकित, -कवि०॥ दोष युक्त, दंड प्राप्त। दात -संज्ञा, पु० (सं० दात, दातव्य) दाघ-संज्ञा, पु० (सं०) उष्णता गरमी ताप, दानी, उदार, देने वाला, दान देने योग्य । दाह, जलन ! 'दीरय दाब निदाघ-वि० । “दात धनी जाँचै नहीं, संव करै दिन रात" दाजनां -- संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० दहन ) -कबी०। जलन, झुलसन । | दातव्य-वि० (सं०) देने योग्य वस्तु । भा० श० को ... ११२ For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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