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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ख़वास खलक ख़लक - संज्ञा, पु० ( ० ) दुनिया, संसार, खलाल - संज्ञा पु० ( भ० ) दाँत - खोदनी । खलित-- वि० दे० (सं० खलित ) चलाय मान, गिरा हुत्रा । जग के प्राणी | खलियान - खलिहान - संज्ञा, पु० दे० (सं० खल + स्थान ) फसल काट कर रखने और मां श्रादि का स्थान, राशि, ढेर, खरिहान (दे० प्रान्ती० ) । खलियाना स० क्रि० दे० ( हि० खाल ) खाल उतारना, स० क्रि० (दे० ) ( हि० खाली ) खाली करना । खलिश-संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) कसक पीड़ा । खली - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० खल) तेल निकालने पर तिलहन की बची हुई सीठी । वि० खलने वाला | खलोता संज्ञा, पु० देखो खरीता । खलीफा -संज्ञा, पु० ( ० ) अध्यक्ष, बूढ़ा व्यक्ति, खुरट, खानसामा, हज्जाम, चालाक, दर्जी । ܕ ܕ - ५२७ .. हलचल, 66 ख़लकत - संज्ञा, पु० ( ० ) सृष्टि, समूल । खलड़ी - संज्ञा, स्त्री० (दे०) खलरी, खाल। खलना - अ० क्रि० दे० (सं० खर = तीक्षण) बुरा, अप्रिय लगना, चूर्ण करना, घोटना, सहित लंक खलखलतो " गीता० । खलबल - संज्ञा, पु० दे० (अनु० शोरगुल, घबराहट खलबल भारी खलमैं मचैगो जब दल -प्र० य० । खलबलाना - ० क्रि० दे० ( हि० खलबलअनु० ) खलबल शब्द करना, खौलाना हिलना डोलना, व्याकुल या विचलित होना । क्रि० प्र० खलबलना. खलमलाना (दे० ) गड़बड़ी करना, पानी को मथना । खलबली - संज्ञा स्त्री० ( हि० खलबल घबराहट, व्याकुलता चल । यौ० बलवान खल । " ऐसी कीन्ही खलबली भये खलबल | भाजि " रसाल । खलान -- संज्ञा, पु० (सं० ) लगाम । खलभल -- सज्ञा, पु० (दे० ) उत्तेजना, खलु - अव्य० क्रि० वि० (सं०) शब्दालङ्कार, व्याकुलता खलखली । प्रश्न, प्रार्थना, नियम, निषेध, निश्चय । बिलेल संज्ञा पु० ( हि० खली तेल) खली आदि का फुजेल में रह जाने वाला भाग, गादा तेल, कीट । खलनड़ संज्ञा, पु० दे० (सं० खल्ल ) चमड़े की मशक या थैला, श्रौषधि कूटने का खल, चमड़ा । खल्व -संज्ञा, पु० (सं० ) सिरके बाल झड़ने का गंज रोग । खलल -- सज्ञा, पु० (अ० ) रुकावट, वाघा, " दौरि दौरि खोरि खारि खलल धूम । मचाया है " - रघु० । खलाई S संज्ञा खो० ( हि० खल + आई प्रत्य० ) खलता, दुष्टता । खलाना - स० क्रि० ( हि० खाली ) ख़ाली करना, रीता करना पिचकाना, नीचे धँसाना, गड्ढा -रना । - "फिरते पेट खलाये" वि० खलार - संज्ञा, पु० ( दे० ) नीची भूमि | खलारु (दे० ) । ख़लारि - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) विणु, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सज्जन । खलास - वि० ( ० ) छूटा हुआ, मुक्त, समाप्त, च्युत । खलासी संज्ञा स्त्री० (हि० खलास ) छुटी • समाप्ति, मुक्ति | संज्ञा, पु० (दे० ) सईस, ( जहाज का ) | 66.... खल्वाट संज्ञा, पु० (सं० ) गंज रोग । वि० ( सं० ) गंजा । 'कचित्खल्वाट निर्धनः " । वाख्वा - संज्ञा, पु० दे० (सं० स्कंध ) कंधा, भुज मूल । खवाना - स० क्रि० दे० (हि० खिलाना ) | ख़वास -संज्ञा, पु० ( ० ) राजाथों धादि का ख़ास खिदमतगार । स्त्री० खवासिननाई, मंत्री, "सुनियत हुते खवास्यो " भ्र० For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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