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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४११ करधर करभूषण करधर-संज्ञा, पु. ( सं० कर-वर्षोपल + करपत्र -संज्ञा, पु० (सं० ) कराँत, आरा, धर ) बादल, मेघ । क्रकच । करवत। करन-संज्ञा, पु० दे० (सं० करण, कर्ण) करपर-संज्ञा, स्त्री० (सं० कर्पर ) खोपड़ी, करण, कर्ण । वि० (सं० कृपण कंजूस । करनधार8-संज्ञा, पु० (दे०) कर्णधार, | करएरो-संज्ञा, स्त्री० ( दे० ) पीठी ( उद) मल्लाह । की पकौड़ी या बरी। करनफूल--संज्ञा, पु० दे० (सं० कर्गा + | करपल्लवी-संज्ञा, स्रो० (सं०) उँगलियों फूल हिं० ) कान में पहिनने का एक गहना, के संकेत से शब्द प्रगट करने की क्रिया, तरौना, काँप। करपलई (दे०)। करनवेध - संज्ञा, पु० यौ० दे० (सं० कर्ण वेध) | करपिचकी-संज्ञा, स्त्री० (सं० कर+पिचकी.. बच्चों के कान छेदने का एक संस्कार। हि ) जलक्रीडा में पिचकारी की तरह पानी कन छेदन । । छीटने के लिये हथेलियों का संपुट । करना--संज्ञा, पु० दे० (सं० कर्ण) एक सफेद | करपीडन संज्ञा, पु. ( सं० ) विवाह, फूलों वाला पौधा, सुदर्शन । संज्ञा पु० दे० | पाणि ग्रहण । (सं० करुण) विजौरे का सा एक बड़ा नींबू । करपुट-संज्ञा पु० (सं० ) बद्धांजलि, अँजुरी * संज्ञा पु. ( सं० करण ) करनी करतूत । (दे०) स० क्रि० किमी क्रिया को समाप्ति की ओर करपृष्ट-संज्ञा पु० (सं० यौ० ) हथेली के ले जाना, निबटाना, भुगताना, संपादित पीछे का भाग ।। करना, पका कर तैयार करना, रांधना, पहुँ- करबर, करबग-- वि० (दे०) खुरखुरा । घाना, पति या पत्नी रूप में ग्रहण करना, | करबरना--अ० क्रि० ( अनु० ) चहकना रोज़गार, दुकान खोलना, भाड़े पर सवारी | करवरना (दे०) कलरव करना, खरखराना, ठहरा कर लेना, रोशनी बुझाना (जलाना) कुलबुलाना । रूपान्तर करना, बनाना, कोई पद देना | करबला-संज्ञा, पु० ( फा० ) हुसेन के मारे पोतना, रचना, सुधारना। जाने का मैदान ( अरब ) ताजियों के दफकरनाई-संज्ञा, स्त्री० ( अ० करनाय ) तुरही नाने की जगह, निर्जन, जलहीन प्रदेश । बाजा। करबी-संज्ञा, स्त्री० (दे० ) जुबार के पौधे करनाटक-संज्ञा, पु० दे० (सं० कर्णाटक ) ( सूखे ) डांठी, पशु भक्ष्य तृण । मद्रास प्रांत का एक भाग। करबुर-- संज्ञा पु० (दे०) सोना, धतूरा, पाप, करनाटकी--- संज्ञा, पु० दे० (सं० कर्णाटकी), राक्षस । वि० चितकबरा । करनाटक-वासी कलाबाज़, जादूगर। | करवूस-संज्ञा, पु० ( १ ) हथियार लटकाने इंद्रजाली, कसरत दिखाने वाला। की घोड़े की ज़ोन में लगी रस्सी या तस्मा। करनाल--- संज्ञा, पु० दे० ( अ० करनाय ) करम-संज्ञा, पु० (सं०) करपृष्ठ, ऊंट या नरसिंहा, भोपा. एक बड़ा ढोल, एक प्रकार हाथी का बच्चा । कलभ-काम कलभ कर की तोप, पंजाब का एक नगर । भुजबल सीवा"-रामा० । नख नामक करनी-संज्ञा, स्त्री० (हि० करना) कार्य, कर- सुगंधित वस्तु, कमर, दोहे का ७ वाँ भेद । तूत, करतब, अंतेष्टि क्रिया, मृतक-संस्कार, करभीर-संज्ञा, पु० (सं.) सिंह. मृगराज । राजगीरों का एक औज़ार, कन्नी, हथिनी, करभूषण-- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कंकण, करिनी। । पहुँची, कड़ा। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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