SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 294
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir इकीस २८३ इजराय इक्कीस-वि० दे० (सं० एक विंशत् ) इखराज-संज्ञा, पु० (म०) निकास, ख़र्च । बीस और एक। इखलास-संज्ञा, पु. (अ.) मेल-मिलाप, संज्ञा, पु० बीस और एक की संख्या, या मित्रता, प्रेम, भक्ति, प्रीति, एखलाक । अंक, २१। इखुल-संज्ञा, पु० (दे०) इषु (सं०) वाण । इक्यावन-वि० दे० (सं. एक पंचाशत, इख्तियार-संज्ञा, पु. (अ.) अधिकार, प्रा० इक्कावन ) पचास और एक । अधिकार-क्षेत्र, सामर्थ्य, काबू, प्रभुत्व, स्वत्व, संज्ञा, पु० पचास और एक की संख्या या अंक, ५१, इक्कापन (दे.)। इच्छना-स० क्रि० दे० (सं० इच्छन ) इश्चासी-वि० दे० (सं० एकाशीति, प्रा. इच्छा करना, चाहना, लालसा रखना। एक्कासि ) अस्सी और एक । इच्छा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) किसी सुखद संज्ञा, पु. अस्सी और एक की संख्या या - वस्तु की प्राप्ति की ओर ध्यान को ले जाने अंक, ८१, एक्यासी। वाली एक मनोवृत्ति, लालसा, श्रभिलाषा इतु-संज्ञा, पु० (सं०) ईख, गन्ना, ऊख। चाह, रुचि । इत्तु-विकार--संज्ञा, पु० यौ० (सं०) इच्छाचारी–वि. पु. ( सं० ) मनमौजी, माधुर्य, चीनी आदि पदार्थ । मन के अनुसार घूमने, फिरने या काम करने यौ० इतुकांड--संज्ञा, पु. यो० (सं०) वाला, स्वतंत्र, स्वच्छंद, निरंकुश, स्वेच्छाईख के पोर, या भाग, मुंज, रामशर, चारी । स्त्री० इच्छाचारिणी। रामबाण। इच्छाभेदी--संज्ञा, स्त्री० (सं० ) विरेचनइतुप्रमेह-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) मधु वटी, साधारण दस्तावर दवा। प्रमेह , मूत्र सम्बन्धी एक प्रकार का रोग। इनुमती-संज्ञा, स्त्री० (०) कुरुक्षेत्र के | इच्छाभोजन-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) इच्छा के अनुसार खाना, भाभीष्ट भोजन, पास एक नदी। । रुचिकर भोजन । इक्षुरस-संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) राब, इच्छालाभ-संज्ञा, पु० यो० (सं० ) खंडरस, ईख का रस इक्षरसोद-संज्ञा, पु. यो० (सं०) ईख अभीष्ट-प्राप्ति । इच्छित-वि. ( सं० ) चाहा हुश्रा, के रस का समुद्र। वांछित, ईप्सित । इतुसार-संज्ञा, पु. ग. (सं० ) गुड़. खाँड आदि पदार्थ । इच्छु --संज्ञा, पु. (दे०) ईख, ऊख, इक्ष्वाकु-संज्ञा, पु. ( सं०) वैवश्वत मनु । इतु (सं०)। के पुत्र और सूर्य-वंश के प्रथम राजा, इच्छुक-वि० (सं० ) चाहने वाला, इच्छा इन्हींने अयोध्या को राजधानी बनाया था, । रखने वाला, अभिलाषी, आकांक्षी। इनके पुत्र का नाम कुक्षि था, सुम्वन्धु | इजमाल-संज्ञा, पु. (अ.) कुल, समष्टि, सुत काशी-नरेश, जो इक्षु-दंड फोड़ कर किसी वस्तु पर कई व्यक्तियों का संयुक्त निकला था, कडुई लौकी। स्वत्व, साझा। इक्ष्वालिका--संज्ञा, स्त्री. (सं० ) नरकट, | | वि० इजमाली (१०) शिरकत का, नरकुल, सरपत, मुंज, काँशा। मुश्तरका, संयुक्त, साझे का। इखद-वि० (दे०) ईषत् (सं० ) | इजराय—संज्ञा, पु. (अ.) जारी करना, थोड़ा, कम। प्रचार करना, व्यवहार, अमल, प्रयोग । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy