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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अंककार अंकुर अंककार-संज्ञा, पु. (सं.) युद्ध या बाज़ी अंकरोरी-( अँकरौरी दे० ) प्रान्तीय०में हार-जीत का निश्चय करने वाला। __कंकड़ या खपड़े का छोटा टुकड़ा। अंकगणित-संज्ञा, पु० (सं०) संख्यायों का अंकाई-संज्ञा, स्त्री. (सं० अंक) आँक, कूत, हिसाब, एक विद्या, संख्यायों की मीमांसा । अटकल, अनुमान, फसल में किसान और अंकज-संज्ञा, पु० (सं०) अंक से उत्पन्न | जमींदार, का हिस्सा-बांट। होने वाला। अंकवार-संज्ञा, पु० (सं०-अंक ) अँकवार, अंकाना-क्रि० (सं० ) अँकाना, परखना, अकोर, काँख, कोख, गोद । जाँचना, मोल ठहराना, अंदाज़ा करना। मु०-अँकवार भरना--गले लगना, गोद अंकाला-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) गोद । में बच्चा रहना-“अँकवार भरी रहै निस । अंकाप-संज्ञा पु० (दे०) अंकाव, निर्ख, तिहारी।" भाव, जांच, अन्दाज़। अंकधारण-संज्ञा, पु० (सं०, यौ०) (वि० अंकापतार-संज्ञा, पु. ( सं० )-नाटक अंकधारी) तप्त मुद्रा से चिन्ह कराना, में एक अंक के अन्त में श्रागामी अंक के दगाना, शंख-चक्रादि के चिन्ह गरम धातु अभिनय की पात्रों के द्वारा दी गई सूचना के द्वारा बनवाना। का आभास। अंकन-संज्ञा, पु० (सं.) (वि० अंकनीय अंकास्य- संज्ञा, पु. ( सं० ) नाटक या अंकित, अंक्य ) चिन्ह या निशान करना, रूपक का एक भेद । लिखना, गिनती करना, अंक का बहुवचन अंकित-वि० (सं०-अंक---इत-प्रत्य० ) (ब्रजभाषा या अवधी में)। चिन्हित, लिखा हुआ, खचित, वर्णित, अंकपलई - संज्ञा, स्त्री. (सं०-अंक पल्लव) | निशान किया हुआ। एक ऐसी विद्या जिसमें अंकों को अक्षरों के अंकुड़ा-संज्ञा, पु. ( सं०-अंकुर ) लोहे स्थान पर रख कर उनके समुदाय से वाक्य | का दा काँटा, गाय-भैंस के पेट का दर्द, के समान अर्थ निकाला जाता है। कुलाबा, पायजा, किवाड़ की चूल में लोहे अंकपाली-संज्ञा, स्त्री० (सं०) धाई, दाई । का गोल पच्चड़। अंकमाल - संज्ञा, पु. ( सं० ) प्रालि अँकुडी--संज्ञा, स्त्री० (दे०) हुक, कटिया, गन, परिरंभण, गले लगाना, भेटना-, | झुकी हुई छड़ । नदार-कटिया लगा हार, माला। अंकमालिका-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) छोटा हुआ, गड़ारी, हुकदार। माला या हार, भेंट। अंकुर-- संज्ञा, पु. ( सं० )-अंकुवा अंकविद्या-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) अंक (अप० दे०) गाभ, नवोद्भिद, डाभ, कल्ला, गणित। कनखा, कोपल, कली, आँख, अँगुसा अँकटा-संज्ञा, पु० ( दे० ) कंकड़ का छोटा ( प्रान्तीय) नोक, रुधिर, रोयाँ, पानी, टुकड़ा। मांस के लाल दाने जो धाव के भरते समय अंकड़ी-संज्ञा, स्त्री० [सं०-अंकुर, अंकुवा-दे०- उठते हैं, अंगूर, श्रांकुर ( ग्रा० ) वि०नोक ) कँटिया, हुक, तीर का टेढ़ा फल, अंकुरित-(सं०-अंकुर + इत प्रत्यय) फूटा बेल, लम्बी, लता, बाँस का डंडा। हुआ,निकला हुआ,कुरना (दे०)-क्रि० अंकरा-संज्ञा, पु. ( सं० ) एक प्रकार का श्र०-अंकुर फोड़ना, उगना, अंकुरित यौवना खर या घास जो गेहूँ के साथ उगती है। वि० (सं०) नव यौवना, उभड़ती हुई अकरा, अँकरी (स्त्री० )। युवती, यौवनावस्था के चिन्हों से युक्त स्त्री। For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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