SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १०३६ पलंग पलंग - संज्ञा, पु० दे० (सं० पल्यंक) पर्यक, बड़ी चारपाई । (त्रो० अल्पा० पलंगड़ी) पलंगा (दे० ) । पलंगपोश - संज्ञा, पु० यौ० । हि० पलंग + पोश फा० ) पलंग पर डालने की चादर । पलंगिया - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० पलंग + इया प्रत्य०) खटिया, छोटा पलंग, चारपाई । पल-संज्ञा, पु० ( सं० ) घड़ी का ६० वाँ भाग, चार कर्ष की तौल, माँस, धान का पयाल, धोखेबाज़ो, तराजू । सज्ञा, पु० (सं० पलक) पलक । मुहा० - पल मारते या पलक मारने में अति शीघ्र, आँख झपते. तुरंत, क्षण में । मुहा०10-पल के पल में - क्षण भर में, अत्यंत थोड़े काल में । पत्नई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० पल्लव ) पेड़ की कोमल डाली या टहनी । " पत्तक संज्ञा, स्त्री० ( सं० पल + क ) आँख के ऊपर का चमड़ा, पपोटा । 'राखेहु पलक नैन की नाँई " - रामा० । मुहा०पलक झपते ( मारते, लगते ) - बहुत थोड़े काल में, बात कहते बात की बात में । " पलक मारन काम हो जाय ' - अ० सिं० । किसी के रास्ते सारा में या किसी के लिये पलक बिछानाश्रति प्रेम से स्वागत करना । पलकभांजना-पलक हिलाना । पलकमारना - आँखों से संकेत या इशारा करना, पलक झपकाना या गिराना । पलक लगना (लगाना ) - श्राँखे बंद होना या सुंदना, पलक झपकना, झपकी लगना, नींद श्राना । पलक से पलक न लगना - नींद न आना, टकटकी बँधी रहना । पलक दूर करना - सामने से हटाना । पलक दूर नहिं कीजिये ' - गिर० । 66 पलकदरिया - वि० दे० यौ० - + दरिया फ़ा० ) अति उदार, पलक नेवाज़ा - वि० ० ( हि० पलक बड़ा दानी । यौ० ( हि० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पलना पलक + नेवज़ ) पलकदरिया, अति उदार, श्रति दानी | पलका - संज्ञा, पु० दे० (सं० पल्यंक ) पलंग, बड़ी चारपाई । स्त्री० पलक' । पलक्या सज्ञा, पु० (दे०) पालक का शाक या तरकारी । पलचर - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) एक प्रकार के उप देवता । पलवन -- सज्ञा स्त्री० दे० ( अ० बटालियन या लेटून) अंग्रेजी सेना का एक दल जिसमें २०० के लगभग सिपाही होते हैं, समुदाय, पल्टन दे० । पलटना- अ० क्रि० दे० ( सं० प्रलोउन ) उलट जाना, परिवर्तन होना. बदलना, काया पलट हो जाना, घूमना-फिरना लौटना, वापस होना । स० क्रि० बदला करना, उलटना । पलटा संज्ञा, पु० दे० ( हि० पलटना ) परिवर्तन, परिवर्तित, बदला, प्रतीकार प्रतिफल मुहा". ---पलटा खाना स्थिति या दशा का फिरना या उलटना । पलटा लेना - बदला लेना लौटा लेना, बैर चुकाना । पलटाना -- स० क्रि० दे० ( हि० पलटना ) उलटाना, फेरना, लौटाना, बदल लेना, बदलना परिवर्तन करना । दे० ( हि० पलटा ) एवज में, बदले में । पलटाव- सज्ञा, पु० दे० ( हि० पलटाना ) लौटाव फिराव अदल-बदल | पलटों - क्रि० वि० प्रतिफल के रूप में पलड़ा - संज्ञा, पु० तराजू का पल्ला, तुलापट । पलथा - संज्ञा, पु० दे० ( स० पर्य्यस्त > लोट-पोट । मुहा०-- पलथा मारनालोटना-पोटना | दे० (सं० पलट ) पली - सज्ञा, स्त्री० द० (सं० पर्य्यस्त ) स्वस्तिकासन, एक श्रासन ( यो० ) । पलना - [अ० क्रि० (सं० पालन ) पाला-पोसा For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy