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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org नीरे, नियरे, नेरे १०३३ नीलाई नीरे, नियरे, नेरे# -- क्रि० वि० दे० (सं० | नील-बड़ी, नील-बरी-संज्ञा, स्त्री० यौ० निकट ) पास, निकट, समीप । (दे०) नील रंग का टुकड़ा या खंड | नीलम -संज्ञा, पु० (फ़ा०मि० सं० नीलमणि ) इन्द्रनीलमणि, नीलमणि, नीलकांतमणि । “सिय सोने की अँगूठी राम नीलम नगीना हैं" द्विज ० । नीलमणि - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) नीलकांतिमणि, इन्दुनीलमणि, नीलम 1 नीलमाधव - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) विष्णु, जगन्नाथ । नीरोग, निरोग - वि० (सं०) चंगा, स्वस्थ, तन्दुरुस्त, आरोग्य | | नीरोगी - वि० (सं० नीरोगिन् ) भला चंगा, रोग रहित, स्वस्थ, तन्दुरुस्त, निरोगी । नील- वि० (सं०) नीले रंग का | संज्ञा, पु० ( सं०) नीला रंग, एक पौधा जिससे रंग बनता था। मुहा० - नील का टीका लगना - कलंक लगना, बदनामी होना । नील की सलाई फिरवा देना-अंधा कर देना, थाँखे फोड़वा डालना | चोट का काला दाग, कलंक, राम-दल का एक बंदर, निधियों में से एक, नीलम ( रत्न), सौ अरब की संख्या, एक छंद (पिं० ) । नीलकंठ - वि० यौ० (सं० ) जिसका गला नीला हो | संज्ञा, पु० - शिवजी, मोर, चाष या गौरापक्षी, यात्रा में वाम ओर इसका बैठ कर चारा लेना शुभ है । " नीलकंठ कीरा भषै” –– स्फु० । नीलक- संज्ञा, पु० (सं०) नीले रंग का मृग, बीजगणित का प्रमाण । नीलकमल - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) कृष्ण कमल, नीलोत्पल । नीलकांत - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक पक्षी, विष्णु, नीलमणि | नीलकांत - संज्ञा, त्रो० यौ० (सं० ) नीले और बड़े फूलों वाली विष्णुकांता लता । नील गवय-नील गव - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) नील गाय, रोझ (ग्रा० ) । नीलग्रीव - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) महादेवजी, मोर, चाप पक्षी । नीलचक्र -- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) जगन्नाथ जी के मन्दिर के ऊपरी शिखर का चक्र, एक दंडक वृत्त ( पिं० ) । "नील चक्र पर ध्वजा बिराजै माथे सो हीरा "कबी० । नीलता - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) नीलापन, नीलिमा, निलाई (दे०) । भा० श० को० - १३० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नीलमोर - संज्ञा, पु० यौ० ( हि० ) कुररी पक्षी । नीललोहित - वि० यौ० (सं० ) बैंगनी रंग, लाल और नीला मिला रंग | संज्ञा, पु०शिव जी, विष्णु, नीलकंठ | नीलवर्ण - वि० यौ० (सं०) श्यामरंग, श्रासमानी रंग । " नीलवर्ण सारी बनी " दानली० । नीलस्वरूप - नीलस्वरूपक संज्ञा, पु० यौ० (सं०) एक वर्ण वृत्त ( पिं० ) । नीलांजन - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नीला या श्याम सुरमा, नीलाथोथा, तूतिया । नीलांबर - संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) नीले रंग का रेशमी वस्त्र, नीला वस्त्र । वि० - नीले वस्त्र पहनने वाला, बलदेव जी ।" नीलांबर थोड़े बलरामा " - प्रेम० । नीलाम्बरा - संज्ञा स्त्री० यौ० (सं० ) लक्ष्मी जी । नीलांबुज - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) नील कमल । ' नीलांबुजं श्यामल कोमलांगं', - तु० । नीला - वि० दे० ( सं० नील ) नील के रंग का, श्याम या श्रासमानी रंग का । मुहा॰ नीला-पीला होना- बिगड़ना, क्रोधित होना । चेहरा नीला पड़ जाना -मुँह का रंग श्याम हो जाना जिससे चित्त की उद्विग्नता या लज्जा प्रगट हो, जीवन-लक्षण नष्ट हो जाना । नीलाई - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० नील) श्यामता नीलापन, नीलता । For Private and Personal Use Only
SR No.020126
Book TitleBhasha Shabda Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamshankar Shukla
PublisherRamnarayan Lal
Publication Year1937
Total Pages1921
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size51 MB
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