SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 82
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भारतीय पुरालिपि-शास्त्र 1. दायें से बायें को लिखी जानेवाली एरण के सिक्के की ब्राह्मी (फलक II, स्त० I)। की संभावितः तिथि ई. पू. चौथी शती है। स्त. XVII : इ. ऐ. XX, 361 तथा आगे की प्रतिकृतियों से अक्षर काटकर। स्त. XVIII : इ. ऐ. XIV, 139 की प्रतिकृतियों के अनुरेखण से; 6 भरहुत सं. 98 की प्रतिकृति से त्सा. डे. मी. गे. XL, 58 से और ___41 सांची स्तूप I, सं. 199 की प्रतिकृति से ।। स्त. XIX : ए. ई. II, 240 तथा आगे की प्रतिकृति के अक्षरों को लेकर। स्त. XXI, XXII : खारवेल के हाथीगुंफा अभिलेख की कनिंघम द्वारा तैयार किये येग फोटोग्राफ के अनुसार बनाया गया है। स्त. XXIII-XXIV : ब. आ. स. रि. वे. इ. V, फल. 51, सं. 1, 2 की प्रतिकृतियों के अक्षरों को लेकर । फलक III. स्त. I-II : ए. ई. II, 199, सं. 2 और 5 की प्रतिकृतियों से और ओरा कूप अभिलेख के कनिंघम के फोटोग्राफ से अक्षर काटकर । मिला. क., आ. स. रि. XX, फल. 5 से 4. स्त. III-V : कुशानों के तिथिक अभिलेखों के अक्षर काटकर। ये अभि लेख ए. इ. I, 371 तथा आगे और II, 195 तथा आगे, पर प्रकाशित हैं। स्त. VI : ब., आ. स. रि. वे. इं., II, 128 फल. 14 की प्रतिकृति के सहारे। स्त. VII- XVI: ब., आ. स. रि. वे. इ. IV, फल. 51, सं. 19; फल. 52, सं. 5, 9 10, 18, 19; फल. 53, सं. 13, 14; फल. 55 सं. 22, फल. 48, सं. 3 की प्रतिकृतियों से अक्षर काटकर और स्त. XV का अनुरेखण फल. 45, सं. 5, 6, 11 से किया गया है । स्त. XVII, XVIII : ब., आ. स. रि. वे. इ., फल. 62, 63 की प्रतिकृ तियों के अक्षर काटकर । स्त.XIX, XX: ए. इ. I, 1 तथा आगे की प्रतिकृतियों से अक्षर काटकर। काटे गये सभी अक्षरों की पृष्ठभूमि और अस्पष्ट लकीरें ठीक कर दी गई हैं। 64 For Private and Personal Use Only
SR No.020122
Book TitleBharatiya Puralipi Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGeorge Buhler, Mangalnath Sinh
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1966
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy