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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २९ ) पृष्ठांक.. ९४ १०३. १०४ १०५. १०६ १०६ १११ ११९ विषय. पृष्ठांक. विषय. कृष्णराज दूसरा ७४ वाक्पतिराज ध्रुवभट ७५ वैरसिंह (दूसरा ) रामदेव ७५ सायक ( दूसरा) विक्रमसिंह ७५ वाक्पति दूसरा (मुज ) यशोधवल ७६ धनपाल धारावर्ष ७७ पद्मगुप्त मोमसिंह ८० धनञ्जय कृष्णराज तीसरा ८१ धनिक प्रतापसिंह ८१ हलायुध अगला इतिहास ८२ अमितगति किराडूके परमार ८४ सिन्धुराज सिन्धुल मोछराज भोज उदयराज ८४ जयसिंह (प्रथम) मोमेश्वर ८४ उदयादित्य दाँताके परमार ८५ लक्ष्मदेव जालोरके परमार ८६ नरवर्मदेव वाक्पतिराज ८६ यशोवर्मदेव चन्दन ८६ जयवर्मा देवराज ८६ लक्ष्मीवर्मा अपराजित ८६ हरिश्चन्द्रवर्मा विजल ८६ उदयवर्मा ) धारावर्ष ८६ अजयवर्मा बीसल ८६ विन्ध्यवर्मा फुटकर ८७ आशाधर मालवाके परमार ८८ मुभटवर्मा उपेन्द्र ८९ अर्जुनवर्मदेव वैरिसिंह ९० देवपालदेव सायक ९१ जयसिंहदेव (द्वितीय) १३० १४१ १४२ १५० १५५ १५६ १५७ १५८ १६० १६३ For Private and Personal Use Only
SR No.020119
Book TitleBharat ke Prachin Rajvansh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVishveshvarnath Reu, Jaswant Calej
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1920
Total Pages386
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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