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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तैलपकरणम् परिशिष्ट ५६५ ( कपूर, तेल छानने के पश्चात् मिलाना यह तैल ( पीने, लगाने और नस्य द्वारा चाहिये ।) | प्रयुक्त करने से ) अपची (गंडमाला भेद ) को (९३५३) काकजङ्घातैलम् नष्ट करता है। ( ग. नि. | कर्णरोगा. ३) (९३५६) काञ्जिकादितैलम् समूलकाकजनया रसस्तैलेन पाचितः । (वै. म. र. । पट. १२) तेन पूरितकर्णस्य बाधिर्य शाम्यति ध्रुवम्॥ धान्याम्लमिश्रं चिश्चाम्लं पटुतैलमिदं शृतम् । मूलसहित काकजंघाका रस और तेल एकत्र | लिम्पेद्वाताम्रनाशाय मृगनाभिमथापि वा ॥ मिलाकर पकाकर कानमें डालनेसे बधिरता अवश्य कांजी ४ सेर, तेल १ सेर तथा इमलीका सत नष्ट हो जाती है। (टाटरी) और सेंधा नमक ५-५ तोले लेकर सबको एकत्र मिलाकर पकावें । जब कांजी जल जाए तो (९३५४) काकमाच्यादितैलम् तेल को छान लें। ( र. र रसा. खं । उपदेश ५) काफमाचीयबीजानि समाः कृष्णतिलास्तथा।। इसे लगानेसे वातरक्तका नाश होता है। तत्तैलं ग्राहयेयन्त्रे तन्नस्यं केशरजनम् ॥ कस्तूरीका लेप करनेसे भी वातरक्तका नाश | हो जाता है। मकोयके बीज और काले तिल समान भाग लेकर एकत्र मिलाकर कोल्हू (घानी) में पिलवाकर (९३५७) कारस्करादितैलम् तेल निकलवावें। (वै. म. र. । पटल १२) इसकी नस्य लेनेसे बाल काले हो जाते हैं। कारस्करस्याङ्घिचतुःपलेन (९३५५) काकादन्यादितैलम् क्षीराढके कल्फितलोडितेन । (व. से. । गण्डमाला.) प्रस्थं पचेत्तैलमपाकरोति काकादनीशिफाकल्कैनिर्गुण्डयाः स्वरसैः शृतम् । तद्वातरक्तं न तु तुल्यमस्य ।। आरनालैश्च कटुकं तैलं स्यादपचीहरम् ॥ २० तोले कुचलेकी जड़को पीसकर २ सेर तेलमें मिलावें और उसमें ८ सेर गोदुग्ध मिलाकर चौटलो ( गुञ्जा ) की जड़का कल्क १० दूध जलने तक पकावं। तोले, संभालूका रस २ सेर, कांजी २ सेर और सरसोंका तेल १ सेर लेकर सबको एकत्र मिला यह तैल वातरक्तको नष्ट करता है । वातरक्त कर पकावें । जब पानी जल जाए तो तेलको | के लिये इससे उत्तम अन्य कोई प्रयोग नहीं है। छान लें। | ( इसे रोग स्थान पर लगाना चाहिये ।) For Private And Personal Use Only
SR No.020114
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages700
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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