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________________ Shri Mahavir Jain Archana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsun yanmandir न्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥१०४७॥ त्रिप्रदेशिक स्कंध चाय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ त्रण द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय छे. जो तेना छ विभाग थाय तो एक तरफ जुदा पांच परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ चार परमाणुपुद्गलो है|१२शतके म अने एक तरफ वे द्विप्रदेशिक स्कंधो थाय. छे. जो सेना सात विभाग थाय तो तो एक तरफ जुदा छ परमाणुपुनलो अने एक || उद्देश तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कंध थाय छे. जो तेना आठ विभाग थाय तो जुदाजुदा आठ परमाणुपुद्गलो धाय छे. ॥१०४७॥ गोयमा ! जाव नवविहा कजंति. दुहा कत्रमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ अट्ठपएसिए खंधे भवति, एवं एकेक संचारेंतेहिं जाव अहवा एगयओ चउप्पएसिए खंधे एगयओ पंचपएसिए खंधे भवति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ सनपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएमिए एगयओ छप्पएसिए खंधे भवई अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ तिपासिए खंधे एगयओ पंचपएसिप खंधे भवह अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो चउप्पसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा तिन्नि तिपएमिया खंधा भवंति, चउहा कन्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणु० एगयओ छप्पएमिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दो परमाणु। एगयओ दुपएसिए संधे एगयओ पंचपएसिए खंघे भवति अहवा एगयओ दो परमाणु एगयओ तिपएसिए खंधे एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दो दुपएसिया खंधा एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवति अहवा एग-18 यओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए खंधे एगयओ दो तिपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयओ तिन्नि दुप्पएसिया ACCORDARSHAN For Private And Personal
SR No.020109
Book TitleBhagvati Sutram Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1939
Total Pages235
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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