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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir R 4% व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥५९३॥ ८ शतके उद्देशः१ ५९३॥ CER ECEIBASSA-- औदारिक मिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत होय, 3 वैक्रियशरीरकायप्रयोगपरिणत होय, ४ वैक्रियमिश्रशरीरकायपयोगपरिणत होय, ६|| आहारकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय, ६ आहारकमिश्रशरीरकायप्रयोगपरिणत होय के ७ कार्मणशरीरप्रयोगपरिणत होय ? [उ०] हे | गौतम ! ते एक द्रव्य औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत पण होय, यावत् कार्मणशरीरकायप्रयोगपरिणत पण होय. [प्र०] जो ते है (एक द्रव्य) औदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय तो शुं एकेन्द्रियऔदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय, बेइन्द्रियऔदारिकशरीरका यप्रयोगपरिणत होय, के यावत् पंचेन्द्रियऔदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय ? [उ०] हे गौतम ! ते एक द्रव्य एकेन्द्रियऔदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय, बेइन्द्रियकायप्रयोगपरिणत होय, यावत् पंचेन्द्रियऔदारिकशरीरकायप्रयोगपरिणत होय. जइ एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं पुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए जाव वणस्सइ| काइयएगिदियओरालियमरीरकायप्पओगपरिणए वा ?, गोयमा! पुढविकाइयएगिदियपयोग जाव परिणए वा जाव वणस्सइकाइयएगिदिय जाव परिणए वा, जइ पुढविकाइयएगिदियओरालियसरीर जाव परिणए किं सुहुमपुढविकाइय जाव परिणए बायरपुढविकाइयएगिदिय जाव परिणए ?, गोयमा ! सुहुमपुढविकाइयएगिदिय जाव परिणए वा बायरपुढविक्काइय जाव परिणए वा, जइ सुहमपुढविकाइय जाव परिणए किं पजत्तसुहुमपुढवि जाव परिणए अपजत्तसुहम पुढवी जाव परिणए ?, गोयमा ! |पज्जत्तसुहुमपुढविकाइय जाव परिणए वा अपज्जत्तसुहमपुढविकाइय जाव परिणए वा, एवं बादरोवि, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउक्कओ भेदो, बेइंदियतेइंदियचउरिंदियाणं दुयओ भेदो पजत्तगा य - - - For Private and Personal Use Only
SR No.020108
Book TitleBhagvati Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1938
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size12 MB
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