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कह्यो छे ? [उ०] शरीरप्रयोगवन्ध पांच प्रकारनो को छे, ते आ प्रमाणे-१ औदारिकशरीरप्रयोगबन्ध, २ वैक्रियशरीरप्रयोगवन्ध, ४३ आहारकशरीरप्रयोगवन्ध, ४ तैजसशरीरप्रयोगबन्ध अने ५ कार्मणशरीरप्रयोगवन्ध. [प्र०] हे भगवन् ! औदारिकशरीरप्रयोगबन्ध
केटला प्रकारनो को छे ? [उ०] हे गौतम ! औदारिकशरीरप्रयोगबन्ध पांच प्रकारनो कयो छे. ते आ प्रमाणे-एकेन्द्रियऔदारिव्याख्या- | कशरीरप्रयोगबन्ध, द्वीन्द्रियऔदारिकशरीरप्रयोगबन्ध, यावत् पंचेन्द्रियऔदारिकशरीरप्रयोगबन्ध.
८ शतके
उद्देशः९ प्रज्ञप्तिः I एगिदियओरालियसरीरप्पयोगवंधे णं भंते! कतिविहे पण्णत्ते?, गोयमा! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-पुढवि-15
॥६९९॥ ॥६९९॥ काइयएगिदिय० एवं एएणं अभिलावेणं भेदोजहा ओगाहणसंठाणे ओरालियसरीरस्स तहा भाणियब्वो जावटू
पज्जत्तगन्भवतियमणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे य अपज्जत्तगगम्भवतियमणूस. जाव बंधे य॥ ओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं?, गोयमा! वीरियसजोगसहब्वयाए पमादपच्चया कम्मं च जोगं च भवं च आउयं च पडुच्च ओरालियसरीरप्पयोगनामकम्मस्स उदएणं ओरालियसरीरप्पयोग& बंधे ॥ एगिदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं?, एवं चेव, पुढविधाइयएगिंदियओPारालियसरीरप्पयोगयंधे एवं चेव, एवं जाव वणस्सइकाइया, एवं बेइंदिया एवं तेइंदिया एवं चउरिंदियतिरि
क्खजोणिय०, पंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगपंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं?, गो. वीरियसजोग| सहब्वयाए पमाय जाव आउयं पडुच पंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगनामाए कम्मस्स उदएणं, तिरिक्वपं|चिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे एवं चेव, मणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स
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