SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रचार थाय तेनी रूकावट न करी अने आवी विशाळ दृष्टि राखी तेओए मूल स्त्रो लेवानो निषेध कयों नहि जेथी मूलपाठो तेना तेज दाखल कर्या . आ भगवतीमत्रना भाषान्तर माटे खास करी बावुनुं छापेल भगवती, श्रीयुत पंडित वेचरदासकृत अनुवाद, स्थानकवासी तरफथी प्रसिद्ध थयेल भगवती तथा आगमोदयसमिति अभयदेवमरीश्वरजीमहाराजनी टीकावा भगवतीसूत्र वगेरेनो आशर लइ तद्दन नवी प्रेसकोपी करी छपाब्यु . उपर्युक्त तमाम ग्रंथोनी सामग्री अत्रे बिराजता अंचलगच्छाधीश मुनिमहाराज श्रीगौतमसागरजी महाराज तरफथी मळेल के जेथी तेमनो तथा उपर्युक्त महाशयोनो आभार मानू . आ श्रीमद्भगवतीम्बना छ भाग थशे. तेमा प्रथम भागमा ३ शतक आप्या थे. आ सूत्रमा अमाराथी, प्रेसदोपथी अथवा लेखकथी जे काइ अशुद्ध विपरीत लखायूं होय ते वाचकगण क्षन्तव्य गणी अमोने आभारी करशे. आरीते प्रथम भाग माटे वे शब्द | लख्या छे अने बीजा भागनु प्रकाशन तुरत थाय एवी शासनदेवी प्रत्ये प्रार्थना करी विग्मई. संवत् १९९३ दि० सेवक फागण वद. थालचंद हीरालाल-जामनगर. For Private and Personal Use Only
SR No.020106
Book TitleBhagvati Sutram Part 01
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1937
Total Pages330
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy