SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रकान्ता अत्रिका अक्रान्ता aki anta-सं० पुं० कटेरी, भटकटाई, समझ-बूझ, सूझ, मनीपा, धी, धिषण, विवेक वृहती, वृहतीचप-सं०। व्या कुड़-बं०। डोरली शनि-हिं० । इण्टेलिजेन्स (Intelligene) पाण्डरी, बनभण्टी-म०, कं० । अक्रान्ति-उत्० -ई. । प्रकृति में यह वह शक्ति अथवा अपार्थिव ब्राकुरु चेटु-ते०। र० मा० । गुणधर्म- उष्ण तत्व है, जिससे बुरे भले में विवेक किया वीर्य, पाचन, संग्राही | चक्र० द०। राज। जाता है। यह उष्ण बीर्य, रस में कटु तिक, लधु, बात अलफ़ aklafa-अ० उन्नाबारंग, श्यामाभायुक्त नाशक, ज्वरनाशक, अरोचक व कास नाशक रक्रवर्ण-हिं । ब्राउनिश् रेड ( Brownish तथा श्वास और हृदरोग नाशक है | रा० नि० red)-६०। व०४। | अक्लफ़ aqlafa-अ०, वह व्यक्ति जिसका ख़तना अकाबाज़ोन aqrābāzina-अ० कराबादीन न हुआ हो। अनसर्कमसाइज़्ड (uncircum. किताबे अद्वियह मुरक्व-फा० । योग संबन्धी cised)-इं०। ग्रन्थ, योग शास्त्र-हिं० वह ग्रन्थ जिसमें यौगिक 'अक्लब aqlaba-अ० जिसके अोष्ट उलटे हुए हों। श्रापध एवं उनके योग लिखे हों, फार्माकोपिया अल-व-शुर्व akla-va-shur ba-अ० खुर्द व ( Phormacopdeea ), डिस्पेन्सेटरी , नोश-का0। भय एवं पेय अर्थात् खाने पीने ( Despansa tory )-इं०। __ के पदार्थ-हिं० । ( edible anb drinka ble)-इं । अक्राबादीन agrābādina-० अक्राबाज़ीन : अकास lāsa-अ० ( ब० व० ), कुस अल्लाह aqlah-अ० कलह (अर्थात् जिसके दाँत (ए० ब०), टिकिया-हिं० । टेब्लाइड्स मैले हों) का रोगी । ( Tabloids )-10 । अक्लह aklah-अ० एक बार खाना । अकोय akiriya-हिं० वि० [सं०] (1) अक्ला aklaa-० अवस्था ( उमर ) की पूर्णता किया रहित ( Imaetive, dull ) तथा अंत तक न पहुँचना । (२) चेष्ठा रहित । निश्चेष्ट । जड़ । व्यापार अक्लाबोतस aqlābotasa-यु० अजुरह-फा० । रहित । जो कर्म करने से रहित हो । स्तब्ध । स्टङ्गन-हिं०। अकर akiraहिं० वि० [सं०] जो क्रूर न हो, नोट अजुरह, उटङ्गन और कजनह प्रभृति शब्द सरल, दयालु, सुशील, कोमल, मृदु, भूल से “केबाँच" के लिए प्रयुक्त होते हैं । वस्तुतः ( not cruel) 1 केबाँच से थे सर्वथा भिन्न हैं । ( Blepharmis अकोध akrodha-सं० हिं० वि० क्रोध राहेत edulis, Per's .) ( Free from anger ) अलारोतस aqlarotasa-यु० झाऊ-हिं० । अकोसाइन achrosine--इं० । अरञ्जक फरास, फरवा-मरले ई-पं०। ( Tamarix (Not colouring )-इं० । फॉ० ई० Gallica, Linn.) १ भा०। अक्लिका aklika-सं० स्त्री० अक्ल akla--अ० व्याधिमूल--विज्ञान की परिभाषा नील, नीलीवृक्ष । The Indigoplnt; में उस ग्रीषध को कहते हैं जो अवयवों के मांस ( Indigofera tinctorii.)। नीलीचेवा त्वचा को खाजाए अर्थात् उसे नष्ट करदे । झाड़-मह० । नीली-कं० । नल्लचेटु गेरिट पेट्ट करोडि ( Corrode)--इं०। नीलिचेटु-ते० । नीली, महानीली भेद से यह अक aaqla-अ० (ए०व० ) अक दो प्रकारकी होतीहै । गुण-यह उष्ण वीर्य, रस (ब० ब०), खिई, दानाई-फा० । बुद्धि, · में तिक और कटु तथा केशवर्द्धक, कफ, कास For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy