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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अक्रनार www.kobatirth.org ३० मुहांसे जो जवानी के आरम्भ में मुख मंडल पर निकलते हैं | मुक्नी ( acne ) - इ० । नोट- जो युवा की पुरुष मध्य मार्ग का अवलम्बन न कर स्वास्थ्य सम्बन्धी नियमों का उल्लघन करते हैं उनको सामान्यतः यह विकार हो जाया करता है। | अनार aqnário सुराही में मुंह लगाकर जल पीना श्रथवा मद्यपान करना । अक्फ़अ aqfaa - अ० जिसके पाँव की अंगुलियां फिरी हुई हों । | अक्कुस akfasa-अ० जिसका पैर टेढ़ा हो और वह अपने पैर की छोटी अंगुली पर सहारा देकर चले । श्रृफृह, akfah- अ० श्याम, कालः-हिं० । ब्लैक ( Black ) - इ० अवद akbada - अ० यकृत रोगी, वह रोगी जिसका यकृत बढ़ा हुआ हो, बढ़े हुए यकृत वाला । एनलार्जड लिवर ( Enlarged liver )-इं'० । अक्वस akbasa - अ० जिसके शिर का आगा निकला 'हुग्रा और ललाट सा हुआ हो । अकबाद akbà la अ० ( ब० ब० ), कविद ( ए० ब० ), यकृत, जिगर, कलेजा (Liver ) । श्र बोस aqbisa - अ०, रसूलिया, जिसका शिश्ना ( मणिमुण्ड ) ख़तना से पहिले त्वचा से बाहर निकलता हो । अक्रमन, aqmaa- o जिसके नेत्र से जल स्राव हो । क्रमस akmasa - अ० जो कठिनता पूर्वक देख सके । अक्मह akmah- अ० कोरमादरज़ाद - फा० । जन्मांत्र, सहजांघ - हिं० । बॉर्न ब्लाइण्ड ( Born Blind ) इं० । अक्रमाक akmaka - to वमन, छर्दि, मतली । वॉसिटिङ्ग ( vomiting ), ( Nausea ) - इं० । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रकुमाल aqmál - अ० ( व० व० ), क़म्ल (ए) व०), जुनों ( ढीलों ) के अण्डे बच्चे अर्थात् लीख । निट (Nit) 'The 1 egg of a louse -इंο| श्रमास aqmávasa- अ० एक देनिक ज्वर, एक दिन का ज्वर । हुम्नायूम - अ० । तप एक रोज़ह - फा० । फेत्रिक्युला ( Eubricula ) - इं० 1 श्रक्रानीकी नाशि अक्याघालakyághása o अपभ्र० श्रगिया । (lemon grass ) - ई० । स० फॉ० ई० । अक्याघारू का इत्र akyá-ghás-ka-itra - हिं० | देवजग्धक-तैल-सं० । श्रभ्याघास-तैलबं० । ( lemongrass oil ) - इं० | स० फॉ० इं० । 1 अअ agraā- अ० कल्ल, गञ्जा, केराहीन, जिसके शिर के बाल गिर गए हों, चंदला । बाड ( Bald ) - इं० । श्रकन् agran - अ० पैवस्तह् ग्रत्रु - फा० । जिसकी दोनो भौएँ मिली हों । अक्र aqrfa - अ० अत्यन्त रक्रवर्ण, गम्भीर रक्तवर्ण - हिं० । डार्क रेड ( dark-red ) - इं० । श्रकवी āakrabi-फ़ाο दरुनज अबी ( Doronicum Pardalianches, Linn. ) । फॉ० इं० २ भा० । श्रक्रम akrama-हिं० ब० [सं०] सं० पु० क्रम रहित, व्यतिक्रम, विपर्यय, (Irregularity, Confused ) - इं० । अक्राञ् aqráa-अ० ( व० व० ) क्रु ( क ) श्रू ( ए० ० ) रजःकाल, श्रार्तवकाल, मासिक धर्मका समय (Period of the menses ) अक्रानीकी akrániki - यु० ( १ ) शुकाईबाज़ा० ( २ ) बादावर्द ( shukai ) फॉ० इं० ६ भा० । For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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