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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir স্বাদ अधींग वातारि रसः अद्धपारावरः auddha.pārāvata.h-सं० अर्धवोरच्छा arddha-virachchha-सं0 .. पु० (१) बन कुक्कुट (Wild cock. ) . स्त्री० कृष्ण दूर्वा । , (२) चित्रकण्ठ पारावत । (३). तित्तिरपक्षी, अर्धवृत्तम् arddha writtan-सं० क्ली०) । तीतर । A partridge ( Perdix fru- अर्धवृत्त arddha.vritta-हिं० संशा पु. 5 ncolinus. ) go i (Semicircle. ) अ गोल । वृत्त का अर्धपुष्पा arddha-pushpā-सं० स्त्रो० अाधा भाग । वृत्त का वह भाग जो ब्यास और महावला । ( See -Mahābala ) . वै० परिधि के प्राधे भाग से घिरा हो । निघः। (२) पूरे वृत्त को परिधि का प्राधा भाग। अंदर्धपोहल addha-pohala-fE संज्ञा | अर्ध वृत्तप्रणाली arddha-vritta-pran पु० (देश) एक पौदा जिसकी पत्तियाँ मोटी ii-सं० स्त्री० (Semicircular duहोती हैं। ct.) अर्धगोलाकार प्रणाली। अर्धसादनः arddha-prasādanah-सं० अर्धश (स ) फरः arddha-sha- ( sa) पु० सहदेवी, सहदेई । pbarah-सं. प. दण्डपाल नामक क्षुद्र अर्धभाग arddha-bhāga-हि.प. प्राधा। मत्स्य विशेष। दाँडिका वा डानकोण-माछ (Ahalf.) . -बं०। अर्धभोजनम् arddha-bhojanam-सं० श्रद्ध शरावः,-क: arddha-sharavah;कली अझैशन, आधा पेट खाना । ____kah-सं० पु. दो प्रसूति, प्रसूतिद्वय ( =३२ अर्धमात्रा arddha-mātra हिं० संज्ञा०स्त्री० तो०)। प० प्र० १ ख० । भा० । [सं०] प्राधी मात्रा । | अर्धसहः arddha-sahah-सं० प. पेचक, अर्धमात्रिकarddha-mātrikah-सं० पु. ___ उलूक पक्षी। प्याँचा-बं०। घुबड़-मह० । एक प्रकार की निरूहण वस्ति विशेष ।... (An owl.) विधि तथा योगदशमूल के क्वाथ में श्रद्ध स्वच्छ arddha-svachchha-हिं०वि० अस्फुट दर्शक,वे पदार्थ जिनमें से प्रकाश अच्छी तरह २ तो० सौंफ पीसकर उसमें २ तो० सेंधानमक, . .. न जा सके, जैसे-तेल, पतला कागज, धुंधला मधु २ पल, तैले २ पल और एक मदनफल का काँच इत्यादि । ( Translucent, semi"चूर्ण योजित करें इसको श्रद्ध मात्रिक वस्ति कहते | transparent. ) है । निरूहवत् इसका प्रयोग करें। च० द० । श्रद्धांग arddhānga-हिं. संज्ञा पु० [सं०] अर्धमासूरी arddha-masuri-सं० स्त्री० (१) आधा अंग ( Ilalf the body.) - लेखनार्थ अस्त्रधारा विशेष । सु० सू० अ०। ( २ ) एक रोग जिसमें आधा अंग चेष्टाहीन भर्धः रन्ध्रम् arddha-randhram-सं० और बेकाम हो जाता है। फ्रालिज, पक्षाघात | * क्ली० ( Notch.) भंग। पक्ष वध । एकांगवात | श्रद्धांगवात | ( Hemiभर्धरात्रः arddha-rātrah-सं० पु० रात्रि plegia.) देखो--पक्षवध (बात) वा : का अर्धमाग; आधीरात, महानिशा । मिडनाइट . एकाङ्गवात। .. is (Midnight.)-ई01.. अर्धाङ्ग वातारि रसः arddhānga-vātāriअर्धवश्या aiddhawasbya-सं०. स्त्री० rasah -सं० पु. पारा २० तो०, शुद्ध S.: (Semis pinalis.) 1 . , ताम्र चूर्ण ४ तो० लेकर जम्बीर के रस में घोटें, अर्धवलयम् arddha valayam-सं० पु. और उसमें गन्धक २० तो० पान के रस में घोट :- (Arthi)* कर मिलाएँ फिर सम्पुट में बन्द कर भूधरयन्त्र For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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