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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir साम्लपित्तान्तको रसः ५३६. अम्ललोणी अम्लपित्तान्तको रसः amlapittāntako- | अम्ल मूलकम् amla-mālakam-सं०. क्लो० rasah-सं० पु. रससिन्दूर, अभ्रभस्म, न्युषित अर्थात् बासी (धरी हुई ) कॉजी में लोह भस्म समान भाग लेकर सब के समान हड़ पकाई हुई मूली। प० प्र०३ खः । च० ० मिलाकर चूर्ण करें । मात्रा-१ मा०। शहदके संग्रहणी वृहचक्र । "युषितं काञ्जिकं पक्कं मूलक साथ उपयोग करने से अम्लपित्त का नाश होता त्वम्लमूलकम् ।" है। रस० रा० सु० अम्ल• पि० वि०। अम्लमेहः amla-mehah-स० पु. पित्तजन्य अम्लपिष्टा amla pishta-सं० पु. चांगेरी। मेहरोग भेद | पित्त प्रमेह । इसमें रोगी अम्लरस(Rumex Scutatus.) गंधयुक्र पेशाब करता है। सु० नि०६०। अम्लपूरम् amlapuram-सं० क्ली० (१) "अम्लरस गन्धमम्ल मेही।" अग्लिका।कोकमफल । तिन्तिडी । तेतुल-बं० । कोकम्बी-मं०। (२) वृक्षाम्ल रा०नि०व०६। अम्लरङ्गेच्छु श्वेताणु amla-rangechchhuअम्लपुष्पिका amla.pushpika-सं० स्त्री. shvetānu-हिं० संज्ञा पु. इअोसिनोफाइल भारण्यशण वृद्ध । जंगली सन का पेड़-हिं०। ल्युकोकाइट (Eosinophile leucocyte) वन्य शण-बं० । राणताग-म० A wild -इं० । रक में पाए जाने वाला एक प्रकार का Indian Hemp ( Crotalaria jun. | श्वेताणु । ये कण बहुरूपी मींगी वालों से कुछ cea.) वै० निघ० । बड़े होते हैं । इन कणों की मींगी या तो गोल असफलः amla-phalah-सं०प्र० श्राम्रवृत्त, होती है या नाल की भाँति मुड़ी हुई । कमी श्राम | The mango tree (Mangi कभी इसके कई टुकड़े होते हैं जो एक दूसरे से fera indica ) रा० नि० व० ११ । तारों द्वारा जुड़े रहते हैं। इनके प्रोटोनाक्रम तिन्तिडीक । नीबू भेद। (जीवोज) में बहुत मोटे मोटे दाने होते हैं अम्लफलम् amla-phalam-सं० क्ली० वृक्षा जिनमें यह गुण है कि जब कण इप्रोसीन (एक म्ल । विषांविल-हिं । तेतुल-बं०। रा०नि० प्रकार का रंग है । इसको प्रतिक्रिया अम्ल होती है।) आदि अम्ल रंगों में रँगे जाते हैं तो ये खूब व०६। गहरा रंग पकड़ते हैं। इन कणों के लिए अम्लअम्लफला amla-phala-सं० स्त्री० कत्थारिका । लघु कन्थारी-मह० । वै० निघ०।। रंगेच्छु शब्द का प्रयोग इसी कारण होता है। इन कणों की संख्या प्रति सैकड़ा २ से लक अम्ल बदरः amla-badarah-सं० पुं० अम्ल होती है। ह० श० र.। कोलिका, खट्टा बेर | टक कुल-बं० । च० सू० ४०। अम्लरुहा amla-ruhā-सं० स्त्री० मालव देश अम्लबेल amla-bela-हिं० पु. अम्ललता। प्रसिद्ध नागवल्ली भेद, ताम्बूल भेद । गुण-यह गिदड़द्राक-पं० । अमलोलवा-सं० प्र० । रुचिकारी, दाहघ्नी, गुल्महरी, मदकरी, अग्निबल( Vitis trifolia. ) बर्द्धिनी और श्राध्मान नाशिनी है । रा०नि०। अम्लभेदनः anla-bhedanah-सं० पु० (१) अम्ललता amla-lata --संत्री० अम्लवेतस । (See--Amlavetasa.) अमललता amala-lata अम्लबेल, रा०नि०। (२) चुक( Rumex Ace अमलालवा-हिं० । गिदडद्राक-पं०1( Vitis tosella.) Carnosa. Wall.) फा० ई०१ भा० । प्रमलमारोषः amla-marishah-सं०६० अम्लशाक विशेष । अम्बल नटिया-बं०। सारा | अम्ललोणिका amla-lonikan सं० खी. -हिं० । गुण-अम्लमारीष दोष कोपकारक, अम्ललोणी amla-loni (१) लोणी मधुर तथा पटु है। वै० निघ०। | विशेष । पर्याय-चाङ्गेरी, चुक्रिका, दन्तशठा, For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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