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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अम्बकरा ५१४ अम्बर वृक्ष, मौलसरी । ( Mimusops Elengi) अम्बत ambata-हिं० वि० अम्ल, खट्टा, खटाई, जटा० । -क्ली. (२ ) नेत्र, चनु, आँख । चूक । (Sour.) ( Eye) हे० च० । (३) ताम्र, ताम्बा । | अम्बताना ambatāna-हिं. क्रि०, संज्ञा खट्टा (Copper ) रा० नि० व०१३ । (४) होना । (To grow sour.) पिता । अम्ब-पाली ambapoli-मह० अमावट ISeeअम्यकरज amba-karanja-बं० करञ्ज भेठ, Amávața. डहर करञ्ज। (Pongamia gla bra.) अम्बरम ambaram-सं० क्ला० । (१) कपास, इं. मे० मे०। अम्बर ambar-हिं० सज्ञा पु० कार्पास । अम्बकुड़ा amba-kuda-हिं० संज्ञा पुं० । (Gossypium Indicum.) र० मा० । अम्बकोड़ा amba-koda (२) अभ्रक । Talc. ( Mica.)। रा० प्रम्बकोल amba-kola, नि० व० १३, भैष०। वसन्त कुसुमा करे। अकोल ढेरो। ( Alangium decape- (३) तन्नामक गन्धद्रव्य, एक सुगन्धित द्रव्य, talum.) अम्बर । विश्वः । ( ४ ) वम्न विशेष ( Cloअम्बगोल ambaghoul-अ० महाकाल, लाल thes, Apparel.)। (५) वस्त्र । कपड़ा । इन्द्रायन । ( Trichosanthus palm- पट । (६) श्राकाश । आसमान | (७) एक ata.) स० फा० इं०। इन । (८) अमृत । अने० । (६) बादल । अम्बज ambaja-अ० श्राम । ( Mango मेघ । ( क्व०) tree. ) अम्बर ambar-फा० संदंश, चिमटा, चिमटी, अम्बजात ambajata-ऋ० मुरब्बा । ( Pre दस्तपनाह । फॉसेंप्स ( Forceps.)-इं० । serve.) अम्बर aambal'-अ० अम्बर-हिं०, बं०, मह०, अम्बट ambata-बम्ब० बाय विड़ग, विडंग। बम्ब०,मद०,को०, गुज० । अग्निजारः, वह्नि(Embelia ribes. ) जारः, अम्बरसुगंधः, अम्बरम्-सं० । शाहेबू अम्बट बेल ambata-bel ) -हिं०, म. -फा० । अम्बाग्रसया Ambia Gisea अम्बट वेल am bata-vel | अम्लवेल, -ले। अंबरग्रीस Am belgris-ले, इ.। गिदद्राक-पं०। अम्ललता-बं० । अम्लपर्णी अमर ग्रीस Amergris-इं० । मिनम्बर -सं०। ( Vitis trifolia.)। मेमो०। -ता० । मुसम्बर-सिं० । पयेन-अम्भट - बर० । इं० मे० मे। अम्बर एक प्रसिद्ध सुगंधिपूर्ण मूल्यवान अम्बटा ambatā-बम्ब० बायविड़'ग, विडंग । औषध है। इसके विषय में विभिन्न व परस्पर ( Embelia ribes.) विरोधी वचन प्राचीन तिब्बी ग्रंथों में विद्यमान अम्बटो मद्द ambati-maddu-ते० अज्ञात । हैं, यथासम्बटे ambate-कना० । अमड़ा, अम्बर को किसी किसी ने एक समुद्री चतुष्पद अम्बटेमरा ambae-mari कना. jाम्रातक प्राणी का गोबर ( लीद) वर्णन किया है। और अम्बाड़ा । (Spondias mangifera.) किसी किसी ने लिखा है, कि यह एक बूटी है जो अम्बटे हुल्लु ambato-hulli कना० सफ़ेद समुद्रतला में उत्पन्न होती है । इसको कोई कोई दूब, श्वेत दूळ ! (Cynodon dacty. समुद्री जीव खाते हैं। जब उनका पेट भर जाता lon.) है तब वे इसको उगल देते हैं और यह उगाल अम्बड़े ambade-गारो. प्रारी, रीस-पं० । ही अम्बर कहलाता है। मेमो०। शेख का अनुमान है कि अंबर समुद्र तल के For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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