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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अम्बाउलअर्ज ५१३ अम्बकः भेद होते हैं। अस्तु, ये संख्या में कुल छः हुई। अम्न amna-अ० चैन, श्राराम, शांति, सुरदेखो-अम्आऽ दिकाक व गिलाज़ । क्षितता, निडर होना ( Peace)। अम्बाउलअर्ज anaaul-arza-अ० ख़रातीन, अनाs amnaa-१० (ब० व०) मनाऽ (ए. केचुए। ( Earth worm.) व०) माप विशेष । लगभग पका १ सेर का अम्श्राऽउलया amaaa.aulya-अ० अमा वज़न । दिकोक। अनान amnan-अ० (ब० व०), मन्न (ए. farsfarsi a māáa-ghilaza-ho pers व०)एक माप विशेष । लगभग २ पौंड अर्थात सुक्ला । मोटी वा बड़ी आँते, जेरी आँते-उ० । एक सेर का वज़न । वृहदांत्र, स्थूलांत्र-हि०। ( Large intes- अम्निय्यत् amniyyat-अ० शाब्दिक tines.) इअ फाs iafaa- " अर्थ स्वास्थ्य अम्माऽदिकाक amaia-diqiqa-अ. छोटी एवं सुरक्षितता प्राप्त करना, रोगनाशकता, रोग आँते,ऊपर की आँते-उ० । लघु प्रांत्र, सूक्ष्मांत्र, क्षमता ( Immunity.)। शुद्रांत्र-हिं० । (Small intestines.) अम्पफर ampfel-जर० चाङ्गरा, चूका । अम्माऽसीन amaaa-sina-अ० ग़ोरहे (अपक्क) | (Rumex Scutatus ) ई० मे० मे । अंगूर का पानी। अम्पार ampar-बाकला, बेलहर । अम्की amki-नेपा० सफ्यी-लेपचा । (Pyru- अम्पिलोप्सिस विन् कि फोलिया ampelolaria edulis ). psis quin-quefolia-ले० अमेरिकन अम कुल ऐन amqul aain-अ.मान अक्बर । प्राइवी-इं० । वाइटिस क्विक्कि फोलिया (Vitis आँख का बड़ा कोया जो नासिका की ओर स्थित quinquefolia.)-ले। है। इनर कैन्थस ( Inner canthus)-इं०। अम्पुट्टई amputtai-ता० अम्बाड़ा, अमड़ा, अम्खत amkhat-अ० वह व्यकि जिसकी नासिका आम्रातक । (Spondias Mangifera) सदा बहती रहे। नासा(परि)स्राव रोगी। इं० मे० मे। अम्गर amghar-० रन रोमों वाला। | अम्पेलोसिक्योस स्कैण्डेन्स ampelosicyos अम्ज़र amzar-अ० नर, पुरुष, मनुष्य, श्रादमी, scandens, (Thou. Bot. Mag. 268-1, मर्द । मैन (Man)--ई.। 275-1,-2.)-ले- इसका बीज कृमिहर है। बीज अम्जह amzah-अ० (१) चलते समय जिस चिपटा, करीब करीब गोलाकार लगमग १॥ इंच के दोनों पैर परस्पर मिलें । (२) गन्दह, दुहन, मोटा, वाहाच्छादन कोमल टोकरी की रचना से मुख दुर्गन्धि । जिसके मुख से दुर्गन्धि आती हो । समानता रखता है और बहुत कठोर एवं मजबूत अम्ज़िजह, am zijah-अ० मिज़ाज (प्रकृति) होता है। गिरी में मृदुतैल की कुछ मात्रा पाई का बहुवचन है। जाती है। समग्र फल २-३ इंच लम्बा और अम्तश am tash-अ० निर्बलदृष्टि वाला मनुष्य, ८-१० इंच मोटा होता है। इसपर लम्बाई की कमज़ोर नज़र का श्रादमी। रूख गहरी धारियाँ पड़ी रहती हैं। इसका भीतरी अस्तीपराड amti-pandu-ले० कॅला, कदली। (Musa paradisiaca, Linn.) भाग ३ से ६ कोषों में विभाजित होता है। इसमें अम्दश amdash-अ० निर्बल तथा अल्प बुद्धि प्रायः २५० बीज होते हैं। वाला मनुष्य । दुर्बल तथा कम अङ्गल वाला मर्द। अम्फी amphi-नैपा० सफ्यी-लेपचा। अम्देस जामोटाफाना amdes samotapanal अम्ब amba-हिं० पु. मात्र ma. -गाश्रा० बजर बट्ट, जंगली मदनमस्त-हिं। अम्बह. ambah-फा० (Cycas circinalis) ई० मे० मे। go, a mango tree). अम्धुका amdhuka-बं० देखो-अन्धुक।। अम्बकः ambakah-सं० पु० (१) य(व)कुल ६५ For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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