SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 408
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अन्न अन्नजम् शिम्ब्यन्न मधुर तथा रूक्ष है और वात अन्नअनउल अज़र anmaanaanl-akhzar पिन प्रकोपक है। -अ० पुदीनारूमी, पुदीनासुम्बुली | Spearवैदिलान--भारी और रुचिकारक mint (Mentha viridis )। म० अ० श्राहक्यन्न (अरहर)-भारी है तथा कफ पेत्त । डॉ०२ भा०। नाशक है। अन्नश्शन उल मुजा अद annaanaau].muj. मत्स्यौदन ( मीन रक भक्क, मछली का aaainda-अ० पुदीना पेचीदा । (Mentha पोलाव)- कफकारक,त्रिदोषजनक और मन्दाग्नि- crispa ). कारक है। अन्नअनाउल फिलफिली . annaanaaulशाकान-लेखन, रूक्ष तथा उष्ण है और filfili-अ० पुदीना फ़ि फ़िली, पुदीना दोपद्रावक अर्थात् दोपों को पतला करने पिप्पली । Peppermint ( Mentha वाला है। piperata ). मांसोदन ( मांस सिद्धौदन, मांस का अन्नअ नाउल बर्गे annaanaaul-barriपोलाव)-धातुवद्धक , स्निा ध और भारी है। अ० पुदीना बरी, अरण्य पुदीना । Horse. पलान्न (फलान)-रुचिकारक, भारी और 1 mint (Mentha sylvestris ). फल के समान गुण वाला है अर्थात् जिस फल में अन्नअ नाउल माई annaanaaul-mai-अ० वह तय्यार किया गया है उसी के समान गुण पुदीना नहरी । ( Mentha aquatica). करता है। अन्न नाउल मुस्तदोरुल श्रीराक annaana। साधारण साठी चावल का भात-दीपन, aul-mustadirul-our aqa-अ० गोल वल्य, पाचन, त्रिदोषनाशक तथा क्षय और पत्रीय पुदीना। (Mentha rotundi. विष का नाश करनेवाला है। folia). . नवान्न(नवीन अन्न)-मधुर, स्निग्ध, गुरु तथा | 997 art annaānáāurrúmí-70 मलस्तम्भक अर्थात् मलावरोधक है और रक्क, पित्त पुदीना रूमी, पुदीना सुम्बुली । Spearmint नाशक है। (Mentha viridis ). उष्णान्न (गरम)-दीपन, लघु, मकारक अन्नकालः annakalah-सं० पु. भोजन का तथा मदात्य य, रक्तपित्त, प्रमेह और वातकारक - समय, श्राहार काल | रस,दोष तथा मलोंका परिहै एवं कास, श्वास, कृमि, प्राध्मान, गुल्म, पाक होनेपर जबही सुधा प्रतीत हो चाहे वह काल जड़ता, क्षत और कास का हरण करनेवाला है। वा अकाल हो वही अन्नकाल अर्थात् भोजन का शीतान्न (शीतल )-शीतल तथा लाला समय कहा गया है । भा० । स्रावक है और मन्दाग्नि, प्रमेह, मूर्छा श्रादि का हरण करने वाला है । वै० निघ० । अन्नकोष्ठः annakoshthah-सं०० कोटिला, क्लिन्नान्न (गीला अन्न)-दुर्जर ( कठिनता से खाता, तण्डुल धान्य श्रादि सुरक्षित रखने का पचने वाला) और ग्लानिकारक है। ___ अाधार । ( A storehouse ) गोला, बराई (४) वह जो सबको भक्षण वा ग्रहण करे। -बं । (Omnivorous ) हमा खोर--फ़ा । प्राकिलु- अन्नगंधिः annagand hih-सं० ५० अतीसोर साइरिल माकूलात- अ० । रोग, मलभेद। हगवण-मह । ( Diarr(५) सूर्य (The sun ). hea ) त्रिका०। (६) पृथ्वी ( The earth ). अन्नजम् annajam-सं० वी० दिवसिकान्नमण्ड (७) प्राण (Prana ). तीन दिन का भक्त मण्ड (भात का मॉड़)। तिन (८) जल (Water). दिव सांची शिलीपेज-मह०। For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy